महोत्सव में बसाया गया गांव आकर्षण का बना केंद्र
गांव की मिटटी की सोंधी खुशबू फूस से बनी झोपडिय़ां, मिटटी का चूल्हा, कुआं समेत गांव की कई चीजें असली हिन्दुस्तान को दर्शाया रही है। अटल संस्कृति और अटल विरासत की थीम पर हो रहे लखनऊ महोत्सव में मुख्य पंडाल के पास बसाया गया अटल गांव देश की असली तस्वीर के साथ हमारी संस्कृति और परंपरा को दर्शाया रहा है। आधुनिकता और भौतिक सुख की दौड़ में हम अपने अपनी पहचान रहे गांव से कितना दूर हो गये है इसका अंदाजा यहा आकर लोगों को लग रहा है। महोत्सव में बना अटल गांव लोगों के लिए आकर्षण का केंद्र बना हुआ।
मचान भिटौर के साथ दिवारों पर उकेरी लोक कलाएं
असली हिन्दुस्तान अगर कही नजर आता है तो वो गांव में, शहर के लोगों को गांव की खूबसूरती और अपनी परंपरा व संस्कृति से रूबरू करवाने के उद्देश्य से बसाया गया अटल गांव अपने उद्देश्य को पूरा करता नजर आ रहा है। प्रतिदिन यहां पर हजारों लोग आ रहे है और देश की असली तस्वीर से रूबरू हो रहे है। अटल गांव में गोबर के कंडे का बना भिटौर, खेतों में फसलों को जानवरों व चिडिय़ों से बचाने के लिए बनाया जाने वाला मंच, दीवारों पर गांव की लोक कलाओं को देखकर हर कोई उसका दीवाना हुआ जा रहा है। अटल गांव में गांव देहात से जुड़ी हर बारीक सामान को बेहद ही बेहतरीन तरीके से सजाया गया है।
फूस की झोपड़ी व कुआं बना सेल्फी प्वाइंट
अटल गांव में फूस की बनी झोपड़ी और कुआं लोगो के लिए सेल्फी प्वाइंट बना हुआ है। जिसमें बैठकर लोग सेल्फी ले रहे हैं। तो वहीं अटल गांव में पड़े हुए पलंग पर लेटकर गांव में होने का एहसास उनको दिला रहा है। इसके अलावा लाइटिंग की जगह लालटेन में लगे रंग बिरंगे बल्ब की रौशनी रात के समय काफी आकर्षक लगती है। वहीं अटल गांव में टैक्टर और बैलगाड़ी देखकर लोग उत्साहित हो रहे है।
अटल सांस्कृतिक मंच
भोजपुरी गायन और गजल से अटल ग्राम महक उठा। एक ओर भोजपुरी गायक अवधेश ने लोक कला की छटा बिखेरी वहीं विनम्र शुक्ला ने अपनी गजलों से लेागों का खूब मनोरंजन किया। जिसमें सबसे पहले अवधेश ने भोजपुरी गीतों को पेश कर लोगों को झूमने पर मजबूर कर दिया। एक के बाद एक उन्होंने अपने साथी गायक अंगद राम के साथ कई भोजपुरी गीतों को सुनाया। संगत में हारमोनियम पर शिव चरण मास्टरए बैंजो पर राकेशए तबला पर अमित कुमारए ढोलक पर शोभरन प्रसाद ने साथ दिया। वहीं गजल गायक विनम्र शुक्ला ने अपनी स्वरचित गजलों के साथ गजल गायक डॉ. हरिओम की गजलें सुनाकर खूब तालियां बटोरी।
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