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शिल्प जोन ही लखनऊ महोत्सव की रौनक और खूबसूरती बयां कर रहा है।





शिल्प जोन में सहारनपुर का फर्नीचर लोगों को आ रहा है पसंद


लखनऊ महोत्सव के मुख्य गेट से अंदर आते ही सबसे पहले लगा शिल्प जोन ही महोत्सव की रौनक और खूबसूरती बयां कर रहा है। जहां पर घर की सजावट का फ्लावर पॉट से लेकर बेड तक का हर सामान मौजूद है। एक तरफ  जहां सहारनपुर का मशहूर फर्नीचर है वहीं गोंडा का सोफा भी लोगों की पहली पसंद बना हुआ है। महोत्सव आने वाले हर शख्स की नजर के साथ उनके कदम अपने आप शिल्प जोन में खींचे चले आ रहे है।

सोफा कम बेड

लखनऊ महोत्सव में पहली बार सोफा कम बेड आया हुआ है। असम की टीक की लकड़ी से बना यह सोफा लोगों को काफी पसंद आ रहा है। तीस हजार की कीमत वाला यह सोफा कम बेड बेहतरीन नक्काशी से बना हुआ है। जिस पर एंटिक पालिश की गयी है। जिससे इसकी खूबसूरती देखते ही बन रही है। वहीं इसके अलावा बेड और सोफा के साथ डायनिंग टेबल भी काफी आकर्षक है।

आकर्षक वुड कार्विंग



रॉयल लुक के लिए इसको कड़ी बेड को करीब दस दिन की मेहनत में तैयार किया जाता है। रॉयल लुक के लिए वुड कार्विंग के जरिये एंटीक और पुराने राजा महाराजा के समय की डिजाइन को उकेरा जाता है। जिसके बाद उसमें थिनर के बाद गोल्डन पॉलिश की जाती है। जिससे इसकी खूबसूरती और बढ़ जाती है। इसके अलावा डेकोरेशन के लिए हैंगिग वॉल से लेकर फोटो फ्रेम तक यहां पर मौजूद है।


1 लाख 25 हजार का महाराजा झूला

महोत्सव में सागुन और आसाम टी की लकड़ी से बना महाराजा झूला को जो देखता है वो उसका दीवाना हो जाता है। वुड कार्विंग से आकर्षक एंटीक डिजाइन के साथ बनाया गया यह झूले की कीमत 1 लाख 25 हजार रूपये है। वहीं यहां पर मौजूद लकड़ी के झूलों की कीमत 30 हजार रूपये से शुरु है।


गोंडा के सोफा



आधुनिकता के समय में कम पैसों में घर को खूबसूरत बनाने की चाहत आपकी महोत्सव में पूरी हो सकती है। यहां पर गोंडा का सोफा अपने ड्राइंग रूम की खूबसूरती में चार चांद लगा देंगे। फोम के बने और आकर्षक व रंगीन रंग के कपड़ों से बनाये गये इन सोफों की कीमत 30 से 45 हजार रूपये तक है। 

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