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सड़क-सीवर हो या पानी, भारी परेशानी 2.47 अरब देने के बाद भी कालोनियों में नहीं सुधरे हालात





लखनऊ। एलडीए ने अपनी कालोनियों के नगर निगम को हैंडओवर करने के बाद यहां विकास कार्य के लिए 2 अरब 46 करोड़ 31 लाख 53 हजार 438 पये दिये हैं। इसके बाद भी कालोनियों में जनसुविधाओं हाल दयनीय है। सीवर लाइन ही नहीं है, लाइन में लीकेज है। पेयजल लाइन क्षतिग्रस्त हो चुकी हैं। पिछले 10 सालों में एलडीए ने यह पैसा दिया है। वर्ष 2006-07 में रश्मि खंड, रूचि खंड एवं रजनी खंड, शारदा नगर योजना के हैंडओवर होने पर 16,30,255 पये, राम नगर योजना में स्ट्रीट लाइट लगाने के लिए 1,00745 रुपये ऐशबाग, राम नगर एवं टिकैतराय के लिए 3,32,32,367 रुपये एलडीए ने नगर निगम को दिये। इसके बाद वर्ष 2008 में कालोनियों के हस्तांरण के लिए 10 करोड़, 21 करोड़ और 26 करोड़ 68 लाख 65 हजार 773 रुपये दिये। इसके बाद गोमती नगर योजना फेज 1 व 2 के हस्तांतरण करने पर 5 करोड़, 38 करोड़ 44 लाख 46 हजार 141 व 10 करोड़ रुपये नगर निगम को दिये। वर्ष 2009 में गोमती नगर, जानकीपुरम, नैपियर रोड, रायबरेली रोड योजना के प्रकाश व्यवस्था के लिए 2 करोड़, 48 लाख 5 हजार का भुगतान किया। प्राधिकरण की विभिन्न योजनाओं में जलापूर्ति व सीवर व्यवस्था के लिए 26 करोड़, 40 लाख 41 हजार रुपये दिये। वर्ष 2010-11 में नैपियर रोडा-दो के विकास कार्य के अवशेषाुगतान के तौर पर 1,42,20,000 रुपये वित्तीय वर्ष 2015 में जीएच कैनाल योजना में स्ट्रीट लाइट के लिए 1,17,52,157 पये तथा प्राधिकरण की अन्य अवशेष कालोनियों का हस्तांतरण करने पर जलकल विभाग को 2 करोड़ का भुगतान किया। इसके बाद जनहित याचिकाओं के मामले में कोर्ट के आदेश पर 2 करोड़, 8 करोड़, 20 करोड़, 7.50 करोड़, 5 करोड़, 15 करोड़ तथा 5 करोड़ रुपये दिये। गोमती नगर फेज 1 व टू, जानकीपुरम सेक्टर एचए शारदा नगर के रतन खंड, कानपुर रोड योजना सेक्टर आई जे विस्तार के लिए 13 करोड़ रुपये का भुगतान कर चुका है। इसके बाद इन कालोनियों में जनसुविधाएं बेहाल हैं। एलडीए ने जिन खामियों को दुस्त कराने के लिए जल संस्थान को पैसा दिया था वह अब कम पड़ रहा है। क्योकि खामियां बहुत ज्यादा मिल रही हैं। कई स्थानों पर एलडीए ने सीवर लाइन ही नहीं डलवाई है। जिससे जल संस्थान का खर्च बढ़ गया है। गोमती नगर क्षेत्र में ही चार करोड़ से ज्यादा का बजट बढऩे की का अनुमान लगाया गया है। इसी तरह कानपुर रोड की कई कालोनियों में भी सीवर व पानी की लाइनों में भारी कमियां मिली हैं। विकल्प खंड, विराज खंड सहित कई खंडों में ओवरहेड टैंक पहले से चालू नहीं थे। अब इन्हें शुरु कराया गया तो पानी की लाइनें जगह जगह फट रही हैं। बताया जा रहा है कि पानी की लाइनें काम घटिया होने 
की वजह से फट रही हैं।

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