प्रख्यात मार्शल आर्ट्स ग्रैंड मास्टर गौरव सिंह चौहान उर्फ़ गौरव ह्यूमन ने कराई गृल्स हाईस्कूल प्रयागराज में आत्म-रक्षा की कार्यशाला
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"सही अर्थों में आत्म रक्षा का तात्पर्य न केवल शारीरिक बल है अपितु मानसिक एवं भावों पर नियंत्रण बनाए रखना भी है"।
हमारे विद्यालय 'गर्ल्स हाईस्कूल एंड कॉलेज, प्रयागराज' के लिये ये अत्यन्त गौरव की बात है कि प्रयागराज में सबसे पहले छात्राओं की सुरक्षा एवं उनको सबल बनाने हेतु प्रख्यात ग्रैंड मास्टर और कल्की कला के जनक श्री गौरव सिंह चौहान ने डैमो सत्र के माध्यम से आत्म-रक्षा के गुरों से छात्राओं को लाभान्वित किया। वैश्विक स्तर पर कल्की कला के लिए सबसे युवा "ग्रैड मास्टर" का प्रतिष्ठित पद अर्जित करने का गौरव श्री गौरव सिंह चौहान को प्राप्त है।
कल्की कला के जनक ग्रैंड मास्टर चौहान ने हमें बताया कि यह एक विशिष्ट प्रकार की कला है जो प्राचीन एवं आधुनिक मार्शलआर्ट का मिश्रण है जिसमें आत्म रक्षा की योजना एवं व्यापक दृष्टिकोण का सम्मिभ्रण है। छात्राओं की आत्म रक्षा हेतु इस तरह के कार्यक्रम का आयोजन गर्ल्स हाई स्कूल में करना विद्यालय की प्रधानाचार्या रेव्ह० डॉ० विनीता इसूबियस की दूरदर्शिता और वर्तमान चुनौतियों के लिए छात्राओं को सक्षम करना था।
विद्यालय के सभागार में उपस्थित सभी छात्राएं भी "कल्की मार्शलआर्ट्स" सीखने के लिए अत्यन्त उत्साही थी। इस कला के प्रशिक्षण के समय उन्होंने अत्यन्त सरल प्रदर्शन के साथ-साथ कठिन व प्रभावी कलाओं का प्रदर्शन भी किया। जिससे हर परिस्थिति में छात्राएँ आत्मरक्षा हेतु तत्पर रह सके। ग्रैड मास्टर श्री चौहान ने सत्र को प्रभावशाली एवं छात्राओं को आश्वस्त करने के लिए अपनी कला से हर छात्राओं को बांधे रखा। इस कला के माध्यम से छात्राओं ने आत्मरक्षा के गुर सीखे। छात्राओं ने 'कल्की कला' के सिद्धान्तों को भी समझा जो आत्म रक्षा से कहीं बढ़कर हैं। ग्रैंड मास्टर श्री चौहान ने स्पष्ट करते हुए कहा कि 'कल्की कला' न केवल आत्म रक्षा अपितु स्वअनुशासन के गुण भी सिखाता है जिससे छात्राएँ आत्म रक्षा के साथ-साथ शिक्षा के क्षेत्र में भी बेहतर प्रदर्शन कर सकें। इस कला का सत्र अनेक लागों की आँखे खोलने वाला था जहाँ छात्राओं ने उनकी बातों को ध्यान से सुना और अपने अंदर आत्म सात करने के लिए तत्पर दिखीं। सत्र समापन के अवसर पर सभी छात्राओं ने ग्रैंड मास्टर श्री चौहान के प्रति आभार व्यक्त किया जिन्होंने अपना बहुमुल्य समय और ज्ञान से छात्राओं को लाभान्वित व प्रेरित किया।
ग्रैंड मास्टर चौहान की धर्मपत्नी श्रीमती संयोगिता सिंह चौहान जो की संगठन की महासचिव भी हैं, और कैडेटों की टीम ने भी इस आयोजन को सफल बनाने के लिए अपनी भूमिका अच्छे से निभाई।
ग्रैंड मास्टर श्री चौहान ने इस सत्र के माध्यम से यह संदेश प्रेषित किया कि आत्म रक्षा न केवल वाहय खतरों सैं हमारी रक्षा करता है अपितु हर परिस्थितियों में हमें डटकर सामना करने के लिए सक्षम बनाता है।
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