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समृद्ध विरासत हमारी थाती है और हम विश्वगुरु रहें हैं।जब दुनिया सभ्यता का ककहरा सीख रही थी तब हमारे पूर्वजों ने वसुधैव कुटुम्बकम का उद्घोष किया------ प्रशांत सिंह अटल

                                 HTN Live
समृद्ध विरासत हमारी थाती  है और हम विश्वगुरु रहें हैं।जब दुनिया सभ्यता का ककहरा सीख रही थी तब हमारे पूर्वजों ने वसुधैव कुटुम्बकम का उद्घोष किया।आज़ादी के बाद पचहत्तर वर्षों के काल खण्ड में देश की दशा और दिशा के बारे में चिन्तन किया जाना ज़रूरी है।

उक्त विचार बार काउन्सिल उत्तर प्रदेश के सह अध्यक्ष तथा मुख्य स्थाई अधिवक्ता श्री प्रशांत सिंह अटल ने आज नेताजी सुभाष चंद्र बोस राजकीय महिला स्नातकोत्तर महाविद्यालय अलीगंज में आयोजित दो दिवसीय राष्ट्रीय सेमिनार में बतौर मुख्य वक्ता व्यक्त किये।सूच्य है महाविद्यालय द्वारा भारत का बदलता परिदृश्य@ 75विषयक गोष्ठी का आयोजन किया गया है।सेमिनार में मुख्य अतिथि के रूप में मौजूद वरिष्ठ आइ ए एस अधिकारी एल वेंकटेश्वर लू ने अपना सारगर्भित उद्बोधन दिया।उन्होंने कहा कि भारत प्रत्येक क्षेत्र में विकास की दौड़ में आगे आ रहा है।विज्ञान साहित्य उद्योग और आध्यात्मिक चेतना में आज भारत अग्रणी है।हमको अपनी श्रेष्ठ परम्परा का अनुसरण करना चाहिये।
सेमिनार में विशेष अतिथि के रूप में भारतीय इतिहास अनुसंधान परिषद के सदस्य सचिव श्री अनंत रत्नम ने भी गोष्ठी को सम्बोधित किया तथा कहा कि भारत का इतिहास गौरवशाली रहा है।सी डी आर आइ के निदेशक श्री तपस कुंडू ने भारत और भारतीयता पर अपने विचार व्यक्त किये।लखनऊ भूल भुलइया के साथ सी डी आर आई का गौरवपूर्ण इतिहास भी समेटे है यह भी स्मरण करने योग्य है।प्रो अनुराधा तिवारी प्राचार्य  महाविद्यालय ने अमृत महोत्सव की  परिकल्पना की सार्थकता और  भारतीयता के संदर्भ में उसकी उपादेयता पर प्रकाश डालते हुये अतिथियों का स्वागत किया।साथ ही बदलता भारत ,जीवन के प्रत्येक क्षेत्र में नित नवीन उंचाईयों का स्पर्श कर रहा है।यह दो दिन की राष्ट्रीय संगोष्ठी में आये हुये शोध पत्रों की  प्रस्तुति स्पष्ट कर रही है।

आज़ादी के अमृत महोत्सव के अवसर पर आयोजित इस गोष्ठी में देश के विभिन्न क्षेत्रों से आए विद्वानों शिक्षाविदो और शोधार्थियों ने प्रतिभाग कर अपने विचार तथा पेपर प्रस्तुत किये ।गोष्ठी के विभिन्न सत्रों में जाने माने विद्वानों ने गरिमा प्रदान की। पैनल डिस्कसंन कि अध्यक्षता लखनऊ विवि के प्रोफेसर राकेश चंद्रा ने जबकि सर्वश्रेष्ठ पेपर प्रस्तुतिकरण की अध्यक्षता प्रोफेसर पी सी जोशी ने किया।तकनीकी सत्र की अध्यक्षता प्रोफेसर ए के सक्सेना प्रोफेसर चन्दना डे डाक्टर दिव्या सिंह प्रोफेसर अवधेश त्रिपाठी ने किया। उक्त सत्रों में देश के आर्थिक वैज्ञानिक सामाजिक शैक्षिक धार्मिक और साहित्यिक सांस्कृतिक सरोकारों पर चर्चा की गई।

विभिन्न तकनीकी सत्रों में अपने क्षेत्रों के विशेषज्डाक्टर डी आर साहू प्रोफेसर मनोज अग्रवाल प्रोफेसर पीयूष भार्गव डा ऋषि सेठी डाकिरणलता डँगवाल श्री राम कुमार डा शैलजा सिंह डा एहतेशम अहमद डा मनीष कुमार डा हिलाल अहमद डा निशी शुक्ला डा पूनम खरवार डा कौशिकी सिंह डा संगीता चौहान डा सुभाष मिश्रा आदि ने अपने विचार साझा किए।
आयोजक सचिव डाक्टर पूनम वर्मा ने विषय प्रवर्तन किया। सत्र का डाक्टर शालिनी श्रीवास्तव और डाक्टर श्वेता भारद्वाज ने किया।
संयोजक डाक्टर विनीता लाल ने धन्यवाद ज्ञापन किया जबकि पैनल डिसकसन का संयोजन डाक्टर क्रांति सिंह डाक्टर ज्योति तथा तकनीकी सत्रों का समन्वयन डाक्टर शरद वैश्य डाक्टर रश्मि अग्रवाल डाक्टर अरविन्द डाक्टर जयप्रकाश वर्मा डाक्टर विशाखा कमल डाक्टर पारुल मिश्रा डाक्टर मीनाक्षी शुक्ला  डाक्टर राघवेंद्र नारायण डाक्टर राहुल पटेल और डाक्टर सपना जयसवाल ने किया।
इस अवसर पर एक सौविनियर का भी लोकार्पण किया गया।

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