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सलेमपुर व पट्टी के ग्रामीणों ने आज तक नहीं देखी कार

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                   संवाददाता ज्ञानेश पाल
कमलापुर/ सीतापुर। कमलापुर विकास क्षेत्र में सलेमपुर और पट्टी दो ऐसे गांव हैं, जहां के ग्रामीणों ने गांव में कार नहीं देखी है। वजह, इन गांवों तक जाने का कोई रास्ता ही नहीं है। दोनों गांवों की करीब एक हजार आबादी के लिए खेतों की मेडे़ं और पगडंडी ही संपर्क मार्ग हैं। इन्हीं पर चलकर किसी तरह ग्रामीण मुख्य मार्ग तक पहुंचते हैं। ऐसे में इन गांवों तक चौपहिया वाहन पहुंच ही नहीं पाते हैं। बीमार होने पर एंबुलेंस की सुविधा भी नहीं मिल पाती। आजादी के 74 वर्ष बाद भी शासन-प्रशासन समस्या का समाधान नहीं निकाल पाया है

सलेमपुर गांव कमलापुर कस्बा से सटी ग्राम पंचायत पीरनगर का मजरा है। यहां करीब 60 घर हैं और पांच सौ की आबादी। गांव के आगे वन विभाग का जंगल और पीछे सरायन नदी। जंगल की जमीन पर रास्ते का निर्माण हो नहीं सकता और पीछे नदी पर पुल नहीं बना है। ऐसे में जंगल में बनी पारंपरिक पगडंडी का इस्तेमाल करके किसी तरह आवागमन होता है। लेकिन चौपहिया वाहन गांव नहीं पहुंच पाते है। बारिश में समस्या और भी बढ़ जाती है।


जलभराव हो जाने से आवागमन बाधित हो जाता है। इसी तरह का हाल ग्राम महोली के मजरा पट्टी का है। इस गांव में करीब 55 घरों में 400 सौ के आसपास आबादी है। लोगों के लिए खेत की मेडे़ं ही रास्ते का काम करती है। गांव के एक तरफ खेत हैं तो दूसरी तरफ रेलवे की जमीन। खेतों तक जाने के लिए चकरोड तो बना है, लेकिन मुख्य मार्ग तक जाने का कोई रास्ता नहीं है। जब भी ग्राम पंचायत स्तर से रास्ता बनवाने का प्रयास किया जाता है तो किसानों के विरोध के चलते काम रुक जाता है। रेलवे की जमीन में किसी तरह के हस्तक्षेप का सवाल ही नहीं उठता।
मतदान बहिष्कार के बाद मिला था नया गांव को रास्ता
करीब दो दशक पहले तक कमलापुर के गांव नयागांव का हाल भी सलेमपुर और पट्टी जैसा था। इस गांव का भी कोई अधिकृत रास्ता नहीं था। परेशान होकर ग्रामीणों ने लोकसभा चुनाव में मतदान का बहिष्कार कर दिया था। इसके बाद जिम्मेदारों की नींद टूटी थी और रास्ते का प्रबंध किया था।
अब सलेम और पट्टी गांव के लोग भी नयागांव के ग्रामीणों के नक्शे कदम पर चलने का मन बना रहे हैं। ग्रामीणों का कहना है कि रास्ते के लिए गुहार लगाते हुए थक चुके हैं, सुनवाई हो नहीं रही है। ऐसे में नयागांव के लोगों की ही तरह वो भी अबकी विधान सभा चुनाव में मतदान का बहिष्कार करेंगे।

प्रयास जारी हैं। हर स्तर पर बात की जा रही है, जो भी अड़चनें हैं वह दूर कराकर सलेमपुर और पट्टी गांवों तक रास्ते का निर्माण कराया जाएगा।
- महेंद्र सिंह यादव विधायक बिसवां

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