नए आरक्षण फॉर्मूले से एक महीने में फिर बदल गया UP की 16 जिला पंचायतों का गणित
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अजीत सिंह ब्यूरो चीफ
उत्तर प्रदेश सरकार ने हाईकोर्ट के आदेश के मुताबिक 2015 को आधार मानते हुए नए सिरे से चक्रानुसार आरक्षण प्रक्रिया बुधवार को तय कर दी है. साथ ही सूबे के जिला पंचायत अध्यक्षों की आरक्षण सूची भी जारी कर दी गई है. अब नए बदलाव के चलते एक महीने में यूपी के 16 जिला पंचायतों में अध्यक्ष पदके लिए आरक्षण बदल गया है.
अनुसूचित जाति और अन्य पिछड़ा वर्ग के लिए आरक्षित सीटों को बरकरार रखा गया है, लेकिन महिला और अनारक्षित वर्ग वाली सीटें बदल गई हैं. इसके अलावा सूबे के किस जिले में कितनी क्षेत्र पंचायत किस कैटेगिरी के लिए आरक्षित होंगी और ग्राम प्रधानों, ग्राम पंचायत सदस्यों के लिए भी आरक्षण निर्धारण की प्रक्रिया तय कर दी गई है.
इलाहाबाद हाईकोर्ट की लखनऊ खंडपीठ के फैसले के बाद यूपी पंचायतीराज विभाग ने आरक्षण प्रक्रिया का कार्यक्रम जारी किया है. सूबे के सभी जिलाधिकारियों को 26 मार्च तक त्रिस्तीय पंचायत चुनाव के आरक्षण की फाइनल सूची जारी करनी होगी. माना जा रहा है कि यूपी की तमाम सीटों पर जारी आरक्षण अब पूरी तरह से बदल जाएगा. हालांकि, पंचायत चुनाव में पदों का आरक्षण और आवंटन साल 2015 के रोटेशन से ही होगा. ऐसे में 2015 में जो सीट जिस जाति के लिए आरक्षित हुई थी, इस बार के चुनाव में वह सीट उस जाति के लिए आरक्षित नहीं की जाएगी.
नए बदलाव से 16 जिलों में बदला आरक्षण
आरक्षण में किए नए बदलाव और 2015 के फॉर्मूल के चलते यूपी की जिला पंचायत अध्यक्ष के लिए आवंटित की गई सीटें बदल गई हैं. फिरोजाबाद, मैनपुरी, कासगंज, कन्नौज, मऊ, अमेठी सोनभद्र व हमीरपुर जिला पंचायत अध्यक्ष की सीटें पहले सामान्य वर्ग के लिए आरक्षित थीं, लेकिन कोर्ट के आदेश के बाद इन सीटों को सामान्य महिला वर्ग के लिए आरक्षित कर दिया गया है.
वहीं, अलीगढ़, आगरा, बलरामपुर, सुल्तानपुर, शाहजहांपुर, मुरादबाद और बुलंदशहर की जिला पंचायत अध्यक्ष की सीटें पहले महिला के लिए आरक्षित की गई थीं, लेकिन अब ये सभी सीटें अनारक्षित (सामान्य) हो गई हैं. इसके अलावा सूबे की बाकी अन्य जिला पंचायतों में पूर्व घोषित आरक्षण बना रहेगा. 26 मार्च को आरक्षण सूची जारी होने के साथ ही राज्य निर्वाचन आयोग द्वारा पंचायत चुनाव कार्यक्रम की अधिसूचना भी जारी कर सकता है.
जिला पंचायत अध्यक्ष का आरक्षण
जिला पंचायत अध्यक्ष की छह सीटें अनुसूचित जाति (महिला) के लिए आरक्षित हुई हैं. इनमें शामली, बागपत, कौशांबी, लखनऊ, सीतापुर, हरदोई की सीटें शामिल हैं जबकि 10 सीटें अनुसूचित जनजाति के लिए आरक्षित हुई हैं. इनमें कानपुर नगर, औरैया, चित्रकूट, महोबा, झांसी, जालौन, बाराबंकी, लखीमपुर खीरी, रायबरेली, मिर्जापुर हैं. वहीं, सात जिला पंचायत अध्यक्ष की सीटें ओबीसी (महिला) के लिए आरक्षित की गई हैं, जिनमें बदायूं, संभल, एटा, कुशीनगर, बरेली, हापुड़ और वाराणसी सीट है.
जिला पंचायत अध्यक्ष की 12 सीटें महिलाओं के लिए आरक्षित की गई हैं. इनमें बहराइच, प्रतापगढ़, जौनपुर, सिद्धार्थनगर, गाजीपुर, आगरा, सुल्तानपुर, बुलंदशहर, शाहजहांपुर, मुरादाबाद, बलरामपुर, अलीगढ़ जिले शामिल हैं. वहीं, 27 सीटें सामान्य हो गई हैं, जिनमें गोंडा, प्रयागराज, बिजनौर, उन्नाव, मेरठ, रामपुर, फतेहपुर, मथुरा, अयोध्या, देवरिया, महाराजगंज, गोरखपुर, अमेठी, श्रावस्ती, कानपुर देहात, अमरोहा, हाथरस, भदोही, गाजियाबाद, कन्नौज, मऊ, कासगंज, मैनपुरी, फिरोजाबाद, सोनभद्र, हमीरपुर और गौतमबुद्धनगर है.
ग्राम प्रधान सीटों में भी बदलाव की संभावना
हाईकोर्ट के आदेश के बाद आरक्षण के नए फॉर्मूले के चलते जिस तरह से जिला पंचायत अध्यक्ष की सीटों में बदलाव हुए हैं. उसके चलते माना जा रहा है कि ग्राम प्रधान, ग्राम पंचायत सदस्य और बीडीसी सदस्यों की सीटों में भी बदलाव होने की संभावना बढ़ गई है. सूबे में तकरीबन 50 सीटों पर आरक्षण का फेरबदल हो सकता है. इसके अलावा क्षेत्र व जिला पंचायत सदस्यों के आरक्षण में करीब 25 फीसदी तक परिवर्तन का कयास लगाया जा रहा है.
बता दें कि योगी सरकार ने 11 फरवरी को जारी शासनादेश के जरिए पंचायत चुनाव में 1995 के आधार पर आरक्षण लागू करने के निर्देश दिए थे. इसके तहत उन पंचायतों को उस श्रेणी में आरक्षित करने के निर्देश दिए थे, जो कभी आरक्षण के दायरे में नहीं आई थीं. इस वजह से तमाम सीटें उस वर्ग के लिए भी आरक्षित हो गई थी, जहां उनकी आबादी ही नहीं है. यही वजह रही कि योगी सरकार के आरक्षण फॉर्मूल के खिलाफ हाईकोर्ट में याचिका दायर की गई थी. हाईकोर्ट ने इस प्रक्रिया को रद करते हुए वर्ष 2015 को आधार मानकर आरक्षण तय करने के आदेश दिए थे, जिस पर मंगलवार को यूपी कैबिनेट ने मंजूरी दे दी.
यूपी के जिलों में ग्राम प्रधान, ब्लॉक प्रमुख और सभी पंचायतों के वार्डों का आरक्षण प्रस्ताव जिलाधिकारियों द्वारा 18 व 19 मार्च में तैयार किया जाएगा. 20 मार्च से 22 मार्च तक ब्लॉक व जिला मुख्यालयों में आरक्षण आवंटन सूचियों का प्रकाशन कर दिया जाएगा. इसके बाद 22 और 23 मार्च तक आपत्तियां दर्ज कराने का मौका दिया जाएगा, जिसके बाद 24-25 मार्च को उन आपत्तियों पर विचार किया जाएगा और फाइनल सूची 26 मार्च को जारी की जाएगी.
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