लखीमपुर खीरी के जंगलों में लगातार हो रही बाघों की संदिग्ध मौतें
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वफर जोन और दुधवा के अधिकारियों की निष्क्रियता से खीरी में जंगल और जानवर असुरक्षित
एक बार फिर लखीमपुर खीरी में बाघ की संदिग्ध हालात में मौत
लखीमपुर खीरी से देवेंद्र सिंह की रिपोर्ट
जनपद लखीमपुर खीरी के विश्व प्रसिद्व दुधवा अभ्यारण्य की किशनपुर सेंचरी के सुल्तानपुर बीट के नहर के किनारे मिला टाइगर का शव।
खीरी में हो चुकी एक साल में डेढ़ दर्जन से ज्यादा बाघों और तेंदुओं की मौत
लापरवाह वन विभाग के अफसरों की संवेदनहीनता से तबाह हो रहे जंगल और मर रहे जानवर।
सुबह की घटना को देर शाम तक मीडिया से छुपाए बैठे रहे दुधवा के अधिकारी।
दुधवा के वन्य जीवों को सुरक्षित रख पाने मे डी डी और एफ डी हो रहे नाकाम।
लगातार हो रहीं बाघों की मौतों का जिम्मेदार कौन।
ऐसे होती रहीं बाघों की मौत। तो खाली हो जाएंगे खीरी के जंगल।
दुधवा के बेलरायां रेंज मे कुछ दिन पूर्व बरामद हुए थे टाइगर के अवशेष। मितौली के जंगल मे शिकारियों द्वारा फैलाए गए करंट से हुई थी बाघ की मौत। आखिर कब चलेगा दुधवा के लापरवाह अधिकारियों पर कार्रवाई का चाबुक। डी डी व एफ डी से नहीं संभल रहा दुधवा टाइगर रिजर्व।
बाघों की कब्रगाह बनता जा रहा दुधवा टाईगर रिजर्व।
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