बहुतों के जीवन में आशा की ज्योति प्रज्ज्वलित कर चले गए सुरेश चन्द्र पन्त
HTN Live
लखनऊ, 25 फरवरी। लखनऊ के इंदिरा नगर इलाके में स्थित मानसिक मंदित नागरिकों के स्कूल “आशा ज्योति” के संस्थापक सुरेश चन्द्र पन्त जी का आज दोपहर भारतीय प्रोद्योगिकी संस्थान,मुंबई में ९१ वर्ष की आयु में देहावसान हो गया.पिछले कुछ महीनों से वह,वहां अपने ज्येष्ठ पुत्र के साथ रह रहे थे. लखनऊ में उत्तर प्रदेश नाबार्ड के पहले महाप्रबंधक के तौर पर उन्होंने वर्ष १९८४ से १९८७ के दौरान कार्य किया था.अपनी सेवा निवृत्ति के पश्चात उन्होंने मानसिक मंदित बच्चों के उन्नयन के लिए “आशा ज्योति” स्कूल की स्थापना वर्ष १९८९ में की, जहाँ बच्चे पढ़ाई लिखाई के साथ चादरें और लिफाफे बनाने का प्रशिक्षण भी प्राप्त करते हैं.आशा ज्योति की स्थापना से पहले पंतजी ने मानसिक रूप से मंदित बच्चों के अभिभावकों को संगठित कर एक अभिभावक ऐसोसिएशन की स्थापना भी की थी.अपनी पत्नी स्वर्गीय मोहिनी पन्त जी के साथ मिल कर,उन्होंने मानसिक रूप से मंदित बच्चों के सैकड़ों अभिभावकों को, इन बच्चों के साथ रहने और बच्चों को आत्मनिर्भर बनाने का प्रशिक्षण भी दिया.गौरतलब है कि पन्त दंपत्ति का कनिष्ठ पुत्र स्वर्गीय मुकेश मानसिक मंदिता से प्रभावित था.सुरेश चन्द्र पन्त जी ने अपने देह दान की घोषणा,काफी समय पूर्व की थी.उनका पार्थिव शरीर मुंबई के एक अस्पताल को सौंप दिया गया.
Post Comment
No comments