इस तारीख को होगा यूपी पंचायत चुनाव में आरक्षण का ऐलान, चुने जाएंगे इतने हजार जिला पंचायत सदस्य, मंत्री का बड़ा बयान
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उत्तर प्रदेश सरकार में पंचायती राज मंत्री भूपेंद्र सिंह चौधरी ने त्रिस्तरीय पंचायतों की आरक्षण प्रक्रिया को लेकर बड़ा बयान दिया है।
लखनऊ. : उत्तर प्रदेश सरकार में पंचायतीराज मंत्री भूपेंद्र सिंह चौधरी ने त्रिस्तरीय पंचायतों की आरक्षण प्रक्रिया को लेकर बड़ा बयान दिया है। उन्होंने कहा है कि 17 मार्च तक आरक्षण प्रक्रिया पूरी करा ली जाएगी। हाईकोर्ट के निर्देश के मुताबिक ही पंचायत चुनाव कराए जाएंगे। उन्होंने कहा कि यूपी पंचायतों के परिसीमन और पुनर्गठन का काम पूरा हो गया है। अब प्रदेश में 826 विकास खंड और 58194 ग्राम पंचायतें होगी। चुनाव में 7,31,813 ग्राम पंचायत सदस्य, 75855 क्षेत्र पंचायत और 30,051 जिला पंचायत सदस्य चुने जाएंगे। भूपेंद्र सिंह चौधरी ने कहा कि त्रिस्तरीय पंचायतों के वार्डों की आरक्षण निर्धारण नीति का शासनादेश बहुत जल्द जारी होगा। हाईकोर्ट के आदेश के अनुपालन के क्रम में आरक्षण प्रक्रिया 17 मार्च तक पूरी कर तय समय में ही यानी 30 अप्रैल तक चुनाव कराए जाएंगे।
परिसीमन के बाद बदली स्थिति
आपको बता दें कि इस बार परिसीमन के बाद नए नगरपालिकाओं, नगर पंचायतों और जिला पंचायतों की स्थिति काफी बदल गई है। यही वजह है कि दावेदार बेसब्री से आरक्षण नीति का इंतजार कर रहे हैं। जानकारी के मुताबिक इस बार रोटेशन प्रणाली के आधार पर आरक्षण लागू किया जा सकता है। अगर जल्द आरक्षण नीति की घोषणा हो जाती है तो राज्य निर्वाचन आयोग चुनाव की तारीखों का भी ऐलान जल्द कर देगा। आरक्षण नीति आने के बाद आयोग को चुनाव करवाने में 45 दिन का समय लगेगा।
30 अप्रैल तक चुनाव
यूपी ग्राम पंचायत चुनाव में इस बार 2016 के मुकाबले 880 ग्राम पंचायतें कम हो जाएंगी। ऐसा नए परिसीमन के कारण होगा। चुनाव कराने में हो रही देरी की वजह साफ करते हुए प्रदेश सरकार ने इलाहाबाद हाई कोर्ट में चल रही सुनवाई के दौरान यह जानकारी दी थी। 4 फरवरी को हाई कोर्ट ने राज्य सरकार और चुनाव आयोग के प्रस्ताव को मंजूरी देते हुए 30 अप्रैल तक ग्राम पंचायतों का प्रत्यक्ष चुनाव कराने को मंजूरी दे दी थी।
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