खेत में पराली जला कर पर्यावरण को क्षति पहुंचाने वाले किसान के विरुद्ध मुकदमा हुआ पंजीकृत
HTN Live
रिपोर्ट सुशील कुमार द्विवेदी इटियाथोक गोंडा
जिला प्रशासन के सख्त दिशा निर्देश के बावजूद खेतों में पराली जलाने से किसान वाज नहीं आ रहे हैं।ऐसा करके जहां किसान वायु प्रदूषण को बढ़ावा दे रहे हैं वहीं दूसरी तरफ स्वांस रोग से पीड़ित मरीजों के लिए मुसीबत खड़ी कर रहे हैं। क्षेत्र में ज्यादातर किसान प्रशासनिक कार्यवाही से बचने के लिए चोरी-छिपे खेतों में पड़ी पराली को रात्रि के समय जलाते हैं इससे जहां जमीन के अंदर मौजूद जीवाश्म जो खेतों को उपजाऊ बनाने में सहायक होते हैं उत्पन्न गर्मी से नष्ट हो जाते हैं वही क्षेत्र में आगजनी होने की संभावना भी काफी हद तक बढ़ जाती है। किसान खेतों में पराली ना जलाएं इसके लिए स्थानीय पुलिस व हल्का लेखपाल लगातार क्षेत्र में भ्रमणसील रहकर पैनी नजर बनाए हुए जैसे ही पराली जलाये जाने की सूचना प्राप्त होती है संबंधित किसान के विरुद्ध वैधानिक कार्रवाई की जाती है। इसी क्रम में आज दिनांक 01/11/ 2020 को हल्का लेखपाल राकेश कुमार यादव ग्राम पंचायत परसियागुदर में किसानों द्वारा खेतों में जलाए जा रहे पराली की निगरानी हेतु भ्रमण पर निकले हुए थे। इसी बीच जरिये दूरभाष सूचना मिली कि गांव निवासी ननके पुत्र राम तीरथ अपने खेत में पराली जला कर सरकारी नियमो की अनदेखी कर रहे हैं। मौके पर पहुंचकर हल्का लेखपाल ने उपरोक्त किसान के खेत का निरीक्षण किया सूचना की पुष्टि होने के उपरांत इटियाथोक कोतवाली में उपरोक्त किसान के विरुद्ध धारा 188 278, 285, 290, 291, आईपीसी में मुकदमा पंजीकृत कराया। प्रभारी निरीक्षक संजय कुमार दुबे ने बताया कि क्षेत्र में किसानों द्वारा पराली जलाए जाने की सूचना को तत्काल संज्ञान में लेकर मौका मुआयना किया जाता है और दोषी पाए जाने वाले किसानों के विरुद्ध तत्काल प्रभाव से मुकदमा पंजीकृत करवा कर वैधानिक कार्रवाई की जाती है।
थाना क्षेत्र में पराली जलाने के संबंध में सूचना पाए जाने पर आगे भी वैधानिक कार्रवाई की जाएगी।
No comments