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India Nepal border : नेपाल सीमा पर बांध बना कर भारत में छोड़ना कहीं चाइनीज की प्रसिद्ध आर्ट आफ वार तो नहीं

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 नेपाल मे अचानक भारत विरोधी लहर पैदा करने और   भारत नेपाल सीमा पर बहने वाली नदियो पर नेपाल की तरफ बनाये जा रहे बंधे कहीं चीन की प्रसिद्ध आर्ट आफ वार की विना लडे दूसरे देश पर कब्जा करने की  खुफिया सैन्य नीति का हिस्सा तो नहीं 

नेपाल मे अचानक भारत विरोधी लहर पैदा करने और नेपाल  सीमा पर नदियो के किनारे बंधे वनाने के पीछे का सच आखिर क्या है ?


आदेश शर्मा जिला व्यूरो जनपद लखीमपुर खीरी

पिछले दिनो अचानक नेपाल की पहाडियो से निकल कर भारत की तरफ आने बाली नेपाली नदियो पर नेपाल की तरफ बंधा वना कर नेपाल की जमीन को सुरक्छित करने व बार्डर के करीबी नेपाली इलाको में नदियो के किनारे रहने वाले लोगो को ऊंची जगहो पर बसाने के साथ उनको मकान वनाने व नये रोजगार उपलव्ध कराने की दिशा मे अचानक बढोत्तरी से यह आशंका वलवती हो रही है कि आखिर इन कामो के लिये करोडो रुपया कहां से ला रही नेपाल सरकार  ।

 पिछले लगभग छह माह से कोरोना बायरस महामारी के चलते भारत मे काम करने वाले लगभग चालीस लाख नेपाली प्रवासी मजदूरो की कमायी पर भी असर पडा है लग भग तीस लाख नेपाली नागरिक भारत से वापस नेपाल पहुंच चुके हैं और बेरोजगार होकर नेपाल मे घर पर ही बैठे हैं 

 सीमा सील होने के चलते भारत नेपाल के बीच होने वाला व्यापार भी बुरी तरह प्रभावित हुआ है 



पर अचानक देखा जा रहा है कि इस बार जनपद लखीमपुर खीरी के ही सीमावर्ती इलाको मे बार्डर पर वहने वाली करनाली ,मुहाना जैसी नदियां जो कि चीन अधिकृत ग्लेशियरो से निकल कर नेपाल से होकर भारत मे आकर गिरती हैं के किनारे नेपाल साइड मे अचानक बंधे वनाने की होड सी लग गयी है 

  अभी महज दो सप्ताह पूर्व मुहाना व कांद्रा ,पथरिया जैसी छोटी नदियो व करनाली के किनारे अचानक बंधे वनाने व बहांवसे नागरिको को ऊंचे स्थान पर बसाने नेपाल सरकार द्वारा अरवो  रुपये अवमुक्त कर वाकायदा आननफानन मे टेंडर भी पास करा दिये जाने से अब लगने  लगा  है कि इसके पीछे भी कोई सोंची समझी साजिशहै 

 क्यों कि जव से इन बंधो के निर्माण किये जाने की बात पता चली है भारतीय सीमावर्ती इलाको मे रहने वाले लोगो का सुख चैन खो गया है लोगो मे इन नदियों मे अचानक आने वाली बाढ और अब भारतीय छेत्र मे कृषि भूमि  कटान का संकट प्रवलता से मडराने लगा है 

 भारत चीन के बीच वर्तमान समय मे लद्दाख बार्डर पर सीमा विवाद की खूनी झडपो और भारत चीन के बीच युद्ध की अटकलो के बीच अचानक नेपाल द्वारा अकारण भारत के विरूद्ध चलाये जारहे कालापानी लिपूलेख को लेकर नये नक्शा विवाद द्वारा नेपाली नागरिको को भारत के विरुद्ध भडकाने जैसी कार्यवाहियो के बीच नेपाल से आने वाली नदियो के किनारे अचानक बंधो का निर्माण किये जाने से प्रतीत होता है कि इन ताजा घटनाओ के पीछे निश्चित तौर पर चीन की कोई खतरनाक साजिश है चीन ने निश्चित तौर पर तिब्बत के ग्लेशियरो से निकल कर नेपाल से होकर आने वाली नदियो पर चीन के कब्जे बाले इलाको मे बडे बांध आदि वना लिये है अथवा चीन अपने अधिकृत ग्लेशियरो अचानक विस्फोटको  के जरिये उडा कर इन नदियो मे अचानक कृत्रिम बाढ की स्थिति पैदा कर   भारत के विरुद्ध  वाटर वम की तरह  विनाशक हथियार के रूप मे प्रयोग करना चाहता है 

नेपाल से आने वाली नदियों में महाकाली ( शारदा),करनाली (घाघरा) राप्ती,   गंडक और बूढ़ी गंडक त्रशूली, व्रम्हपुत्र जैसी  प्रमुख नदियां हैं. इनके पानी में उफान से उत्तर प्रदेश बिहार ,आसाम ,त्रिपुरा  आदि राज्यो मे अचानक  बाढ़ जैसे हालात पैदा होने की घटनाओ मे वृद्धि वास्तव मे शोध का विषय वन गयी है  बिहार के  पश्चिम चंपारण, पूर्वी चंपारण, गोपालगंज, मुजफ्फरपुर, वैशाली एवं सारण जिलों के कई इलाके अक्सर बाढ़ की चपेट में आने लगे हैं. नेपाल से ही निकलने वाली बागमती नदी उत्तर बिहार के कई जिलों में कहर बरपा रही

अब रही बात नेपाल की तो यह तो सर्ब विदित है कि अंतर्राष्ट्रीय भूमाफिया चीन विश्व के अनेक देशो मे अपने द्वारा  छद्म विकास के नाम पर अन्य देशो के भृष्ट राजनेताओ को बडी बडी रिश्वते देकर पहले तो उन मुल्को को विकास के सुनहरे सपने दिखाते हुये  बडे बडे कर्जे देकर अपनी ही कंपनियो के माध्यम से ऊंचे दरो पर विकास कार्य सडक, बंधा, पुल,बंदरगाह आदि का निर्माण करने फिर चीनी कंपनियो को उनके प्रयोग मे करो मे छूट लेने के बाद उन देशो के स्थानीय निर्यातक उद्योगो को चौपट करने के साथ चीन उत्पादित वस्तुओ के नये बाजार विकसित करने के पश्चात शिकार देश की जीडीपी वर्वाद करने और अपना कर्जा वापस मांगने के नाम पर उस देश की सामरिक महत्व की जमीनो को हडपने वाले चीन का नेपाल मे दखल एक तरह से नेपाल के विकास मे सहायक कम पर नेपाल को मकडजाल मे फंसा कर नेपाल के सामरिक महत्व के स्थानो को हडपना ज्यादा लगता है 

अभी नेपाली राजनेता और नेपाली जनता चीन के दिखाये जा रहे सुनहरे सपनो को अफ्रीका ,पाकिस्तान , श्री लंका द्वारा पूर्व मे देखे जा चुके सुनहरे सपनो मे खोये हुये हैं 

उनको चीन की आर्ट आफ वार पालिसी के वास्तविकता के बारे मे नतो पता है न वह जानना चाहते हैं 

पर इतना तो स्पष्ट है कि चीन की कुटिल निगाहे अब नेपाल पर पड चुकी है जिससे नेपाल की स्वतंत्रता व संप्रभुता को भी खतरा पैदा हो सकता है  पर नदियो के किनारे बंधे वनाने के पीछे का सच आखिर क्या है ?


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