बेटी किसी भी हाल मे बेटे से कम नहीं - बेग़म नसीमा रज़ा
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अंतरराष्ट्रीय बालिका दिवस
लखनउ :- अन्तर्राष्ट्रीय बालिका दिवस के मौके पर सिटी स्टेशन के सलतनत मंजि़ल,हामिद रोड,लखनउ की बेग़म नसीमा रज़ा ने कहा कि मै और मेरे शौहर नवाबज़ादा सैयद मासूम रज़ा ‘एडवोकेट’ के लिए बेटी किसी हाल मे बेटे से कम नही । हम दोनों की नज़रों मे बेटे और बेटी मे कोई फर्क नहीं । उन्होने आगे कहा कि हमारी ये बेटी हया फात्म है जो इन्जीनियर है । जिसने अपनी मेहनत व सच्ची लगन से बड़ी कामयाबी हासिल की । आज के दौर मे बेटियॉं किसी से कम नहीं है और वह हर फील्ड मे नुमायां कामयाबी हासिल कर मॉं बाप का नाम रौशन कर रही हैं । हमे उम्मीद है कि हमारी बेटी साहबज़ादी हया फ़ातमा भी अपने मकसद में कामयाब होंगी ।
हमारी तमाम अभिभावकों से गुज़ारिश है कि वह बेटियों पर जरुर ध्यान दें और उसे किसी भी हाल मे बेटे से कमतर न समझें, उनकी परवरिश और शिक्षा पर जो भी हो सके ज़रुर करें तो इन्शा-अल्लाह बेटियां बेटों से आगे निकल कर ज़रुर दिखाएंगी और अपने हुनर का लोहा मनवाऐंगी । अगर कभी मै और मेरे पति परेशन रहते है या खामोश रहते है तो हया फ़ातमा परेशन व बेचैन हो जाती और तुरंत उसकी आखो से आंसू छलक पड़ता है । बेग़म नसीमा रज़ा ने मज़ीद कहा कि वह हम दोनों को हमेश प्रसन्न देखना चाहती है । जब हया फ़ातमा के पिता काम से घर वापस लौटते है तो वह उनसे लिपट जाती, उनके सर पर हाथ फेरती, जिस वजह कर उनकी सारी परेशानियॉ दूर हो जाती । आज लोग भले ही बेटियों को अहमियत न दें लेकिन हम दोनो के लिए बेटी बहुत अहम मक़ाम रखती है। वाकयी हम दोनो को अपनी बेटी पर नाज़ है । अपनी कामयाबी में हया फ़ातमा हम दोनो का ज़रुर शामिल करती है और उन सभी यादों को और बिताए हुए लमहों को हम दोनो के साथ बाटती है जो उसे खुशी देती है । ये बात सही है कि अगर वालिदैन अपनी बच्ची की परवरिश व पुरदाख्त और शिक्षा और तरबियत पर खोसूसी तवज्जा दें तो यकीनी तौर पर बच्चियॉं अच्छी कारकरदगी का मुज़ाहेरा करती है । मां एक बेटी के अपने ख्यालात को जाहिर किया HTNLIVE बेग़म नसीमा रज़ा सलतनत मंजि़ल, निकट सिटी स्टेशन, हामिद रोड,लखनऊ सलाम करता है
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