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National News : मेक इन इंडिया से मिलेगा रोजगार बचेगी विदेशी मुद्रा कयी प्रोजेक्टो को मंजूरी

HTN Live

मेक इन इंडिया के तहत छत्तीसगढ़ अब बनायेगा सैनिकों के लिये बुलेटप्रूफ जैकेट और बुलेट प्रुफ हेलमेट


 वहीं उत्तर प्रदेश में रसियन व बुल्गारियन असाल्ट राइफले  करोड़ों की विदेशी मुद्रा बचाने की दिशा में बढ़ते कदम

आदेश शर्मा Htn live

छत्तीसगढ़ में पहली बार भारतीय रक्षा से जुड़ा कोई उद्योग लगने जा रहा है। इसे लेकर सोमवार को मुख्यमंत्री भूपेश बघेल की मौजूदगी में एक एमओयू (मेमोरेंडम ऑफ अंडर स्टैंडिंग) साइन किया। अब जल्द ही एटमास्टको लिमिटेड नाम की कंपनी राज्य में अपना प्लांट स्थापित करेगी। इस कारखाने में थल सेना, बीएसएफ, सीआरपीएफ, राज्य सरकार के सशस्त्र बलों के लिए बुलेटप्रूफ जैकेट और हेलमेट बनाने का काम किया जाएगा। कंपनी इस प्रोजेक्ट में लगभग 87.50 करोड़ रुपए लगा रही है। 150 लोगों को यहां रोजगार भी मिलेगा।

1 लाख जैकेट और हेलमेट पहली बार में
मुख्यमंत्री निवास में साइन किए गए एमाओयू के वक्त उद्योग मंत्री कवासी लखमा भी मौजूद थे। रक्षा उत्पादों की यह इकाई छत्तीसगढ़ के दुर्ग जिले के बिरेभांठ गांव में स्थापित की जाएगी। प्रथम चरण में यह औद्योगिक इकाई एक-एक लाख बुलेटप्रूफ जैकेट और हेलमेट का प्रोडक्शन करेगी। एमओयू में उद्योग विभाग के प्रमुख सचिव मनोज कुमार पिंगुआ और एटमास्टको लिमिटेड के एम.डी. एस स्वामीनाथन ने हस्ताक्षर किए। 35 साल पुरानी ये कंपनी हैवी फेब्रीकेशन के काम जैसे ब्रिज वगैरह बनाने के प्रोजेक्ट कर रही है।

डीआरडीओ भी करेगा मदद
उद्योग विभाग के प्रमुख सचिव पिंगुआ ने बताया कि छत्तीसगढ़ सरकार की नई औद्योगिक नीति में रक्षा श्रेणी के उद्योगों को प्राथमिकता श्रेणी में रखा गया है। राज्य में तैयार होने वाली इस युनिट के लिए डीआरडीओ से टेक्नीकल मदद के लिए अनुबंध किया गया है। एटमास्टको लिमिटेड के एम.डी. एस स्वामीनाथन ने बताया कि इस इकाई में नवम्बर तक उत्पादन शुरू हो जाएगा। जिसका फायदा राज्य के नक्सल इलाकों में तैनात जवानों के अलावा देश की सीमा में खड़े जवानों को मिलेगा

उत्तर प्रदेश में भी कुछ स्थानों पर रुस व वुल्गारिया के सहयोग से सैन्य आयुध निर्माणी संस्थायें वनायेगी मेक इन इंडिया के तहत शष्त्र स्वदेशी मांग पूरी होने के साथ निर्यात बचायेगा बहुमूल्य विदेशी मुद्रा

रक्षा मंत्रालय ने गत 15 फरवरी को देश में अत्याधुनिक एके-203 राइफलें निर्मित करने की परियोजना को हरी झंडी दे दी है। रूसी कंपनी कलाश्निकोव और भारत सरकार के आयुध कारखाना बोर्ड के बीच संयुक्त उपक्रम के तहत उत्तर प्रदेश के अमेठी के कोरवा में प्लांट लगाया जाएगा। केंद्र की महत्त्वाकांक्षी मेक इन इंडिया परियोजना के तहत भारतीय सेना के लिए कुल 7.47 लाख ऐसी राइफलें बनाई जाएंगी। संयुक्त उपक्रम में रूसी कंपनी की  हिस्सेदारी 49.5 फीसदी और आयुध कारखाना बोर्ड की हिस्सेदारी 50.5 फीसद होगी

संयुक्त उपक्रम के मसविदे पर 15 फरवरी को दस्तखत किए जाएंगे। कोरवा प्लांट में 7.62739 मिलीमीटर कैलिबर वाले एके-203 राइफलें बनाई जाएंगी। इस परियोजना का शिलान्यास प्रधानमंत्री मोदी 28 फरवरी को करेंगे। एके-103 एके-47 राइफल की तीसरी पीढ़ी की राइफल हैं।

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