प्रसपा : भारत मां के सच्चे सपूत, महान क्रांतिकारी अमर शहीद राजगुरु जी की जयंती पर भावभीनी श्रद्धांजलि लखन प्रताप सिंह ने आर्पित किया
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शहीद राजगुरु भारतीय स्वतंत्रता संग्राम के एक प्रमुख क्रांतिकारी थे। वाराणसी में पढ़ाई करते हुए उनका संपर्क चंद्रशेखर आजाद से हुआ। आजाद की पार्टी में उन्हें रघुनाथ के छद्म-नाम से जाना जाता था। क्रांतिकारी सरदार भगत सिंह और यतीन्द्रनाथ दास उनके अभिन्न मित्र थे। राजगुरु एक अच्छे निशानेबाज थे। साण्डर्स का वध करने में उन्होंने भगत सिंह तथा सुखदेव का साथ दिया। शहीद भगत सिंह और उनके बीच हमेशा प्रतिस्पर्धा रहती थी कि मां भारती के लिए पहले गोली खाने या फांसी का फंदा चूमने का मौका किसेे मिलेगा।
ब्रिटिश हुकूमत को उखाड़ फेंकने के लिए, अल्पायु में सर्वोच्च बलिदान देते हुए, वे हंसते-हंसते भगतसिंह और सुखदेव के साथ फांसी के फंदे पर झूल गए।
जब भी देश के लिए मर मिटने वालों की बात होगी, शहीद #राजगुरु का नाम हमेशा लिया जाएगा। आप सदैव असंख्य युवाओं के प्रेरणास्रोत बने रहेंगे। देश आपके बलिदान का सदा ऋणी रहेगा। यह बात प्रगतिशील समाजवादी पार्टी के महासचिव लखन प्रताप सिंह ने कही और युवाओं को इनसे प्रेरणा लेनी चाहिए ।
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