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जानिए कानपुर मुठभेड़ की Inside Story, इसलिए विकास दुबे को पकड़ने गई थी पुलिस

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जबरन जमीन नाम लिखवाने का है मामला
शिकायतकर्ता ने थाने जाकर लिखवाई थी FIR


कानपुर में चौबेपुर के जिस थाना क्षेत्र में हिस्ट्रीशीटर विकास दुबे ने 8 पुलिस कर्मियों की हत्या करके योगी सरकार को खुली चुनौती दी है, उसी थाने में विकास दुबे के खिलाफ 60 केस दर्ज हैं. सबसे अहम बात ये है कि विकास उसके घर में अकेला हिस्ट्रीशीटर नहीं है, बल्कि उसके तीन भाई अतुल दुबे, दीपू दुबे और संजय दुबे भी इसी थाने में हिस्ट्रीशीटर के तौर पर दर्ज हैं. थाने में लगे हिस्ट्रीशीट बोर्ड पर चारों भाइयों के नाम लिखे हुए हैं.

कानपुर में इस मुठभेड़ के बाद विकास दुबे यूपी पुलिस का मोस्ट वॉन्टेड बन गया है. विकास ने यह खूनी साजिश राहुल नामक एक शख्स की उस एफआईआर के बाद रची, जो गुरुवार को चौबेपुर थाने में दर्ज कराई गई थी. इस संबंध में थाने के दीवान यशवीर सिंह ने बताया कि विकास समेत उसके तीनों भाइयों की हिस्ट्रीशीट है. इस खूनी खेल के पीछे वजह बनी राहुल की एफआईआर. उसी की शिकायत पर पुलिस जांच के लिए विकास के गांव बिकरू गई थी.

दीवान यशवीर का कहना है कि राहुल ने विकास पर अपने ससुर लालू की जमीन जबरन अपने नाम कराये जाने की एफआईआर कराई थी. एफआईआर में उसने लिखवाया था कि विकास उसे रास्ते से जबरन अपनी गाड़ी में डालकर अपने घर ले गया था, जहां उसने मुझे मार पीटकर एक कमरे में बंद कर दिया था. किसी तरह रात में मौक़ा देखकर वो वहां से भाग आया.

इस घटना के बाद राहुल ने विकास के खिलाफ गुरुवार को थाने में मुकदमा दर्ज कराया था. मामले की गंभीरता को लेते हुए जांच के लिए ही पुलिस टीम बिकरू गांव गई थी. दरअसल, बिकरू गांव में पुलिस को पहले से विरोध की आशंका थी. इसलिए कई थानों की फ़ोर्स लेकर खुद सीओ देवेंद्र मिश्रा वहां गए थे.

यशवीर सिंह का कहना है कि पूरे मामले की हकीकत से पुलिस वाकिफ हो गई थी. लिहाजा शिकायतकर्ता राहुल के घर पर उसकी सुरक्षा के लिए पुलिस टीम भेजी गई थी. लेकिन उसके घर पर कोई मौजूद नहीं था.

बताते चलें कि हिस्ट्रीशीटर विकास दुबे के खिलाफ FIR दर्ज होने के बाद पुलिस जब उसके गांव में गई थी, तो जेसीबी मशीन लगाकर रास्ता बंद कर दिया गया था. जैसे ही पुलिसकर्मी सीओ मिश्रा के नेतृत्व में पैदल आगे बढ़े तो विकास के गुर्गों ने तीन दिशाओं से उन पर फायरिंग शुरू कर दी थी. इस हमले में यूपी पुलिस के सीओ समेत 8 पुलिसकर्मी शहीद हो गए. जबकि इस घटना में कई पुलिसकर्मी घायल भी हुए हैं.

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