यूपी: लॉकडाउन की वजह से नहीं पहुंच सका कोई, पत्नी ने पति को दी मुखाग्नि
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लॉकडाउन में सामाजिक मान्यताएं भी टूटने लगी हैं। चंदौली में रविवार को लॉकडाउन की वजह से मृत संतोष जायसवाल के रिश्तेदार अंतिम यात्रा में नहीं पहुंच सके। ऐसे में संतोष को स्थानीय अवधूत भगवान राम घाट पर उसकी पत्नी गुड़िया ने मुखाग्नि दी। जिला पंचायत सदस्य सूर्यमुनि तिवारी, शिवशंकर पटेल सहित अन्य लोगों ने अंतिम संस्कार में मदद की। पति को पत्नी के मुखाग्नि देने की चर्चा रही।
मूल रूप से चंदौली जिले के बबुरी चौक बाजार निवासी और एक स्कूल में काम कर परिवार चलाने वाले संतोष जायसवाल की तबीयत लंबे समय से खराब चल रही थी। वह इलाज कराने के लिए पीडीडीयू नगर के चकिया रोड पर आलू मील के पास ससुराल आया हुआ था।
हाल ही में संतोष के साले की भी मौत हो गई थी। जमा पूंजी खत्म होने के बाद आर्थिक स्थिति अच्छी नहीं होने के कारण लोगों के सहयोग से उसका इलाज चल रहा था। इसी बीच लॉकडाउन लागू हो गया और मदद मिलनी भी बंद हो गई।
पत्नी भी घर से बाहर नहीं निकल सकी। इस वजह से रविवार की सुबह संतोष की मौत हो गई। लॉकडाउन की वजह से समाचार जानने के बाद भी न तो कोई रिश्तेदार पहुंचा और नही कोई मदद करने पहुंचा। महिला ने जिला पंचायत सदस्य सूर्य मुनी तिवारी से मदद की गुहार लगाई।
इस पर उन्होंने अंतिम संस्कार के लिए आर्थिक मदद करने के साथ शव को अवधूत भगवान राम घाट पर पहुंचाने की व्यवस्था की। यहां जिला पंचायत सदस्य शिवशंकर पटेल, पप्पू मौर्य, देव मौर्य, सुभाष मौर्य आदि ने आर्थिक मदद के साथ अंतिम संस्कार में सहयोग किया।
किसी रिश्तेदार के न पहुंचने पर पत्नी गुड़िया ने पति को मुखाग्नि दी। गुड़िया की तीन वर्ष की एक मात्र बेटी है। अब बेटी को कैसे पालेगी यही लोगों की चिंता है। हालांकि पति को मुखाग्नि देने की हिम्मत की सराहना हो रही है।
यूपी: लॉकडाउन की वजह से नहीं पहुंच सका कोई, पत्नी ने पति को दी मुखाग्नि
चंदौलीलॉकडाउन में सामाजिक मान्यताएं भी टूटने लगी हैं। चंदौली में रविवार को लॉकडाउन की वजह से मृत संतोष जायसवाल के रिश्तेदार अंतिम यात्रा में नहीं पहुंच सके। ऐसे में संतोष को स्थानीय अवधूत भगवान राम घाट पर उसकी पत्नी गुड़िया ने मुखाग्नि दी। जिला पंचायत सदस्य सूर्यमुनि तिवारी, शिवशंकर पटेल सहित अन्य लोगों ने अंतिम संस्कार में मदद की। पति को पत्नी के मुखाग्नि देने की चर्चा रही।
मूल रूप से चंदौली जिले के बबुरी चौक बाजार निवासी और एक स्कूल में काम कर परिवार चलाने वाले संतोष जायसवाल की तबीयत लंबे समय से खराब चल रही थी। वह इलाज कराने के लिए पीडीडीयू नगर के चकिया रोड पर आलू मील के पास ससुराल आया हुआ था।
हाल ही में संतोष के साले की भी मौत हो गई थी। जमा पूंजी खत्म होने के बाद आर्थिक स्थिति अच्छी नहीं होने के कारण लोगों के सहयोग से उसका इलाज चल रहा था। इसी बीच लॉकडाउन लागू हो गया और मदद मिलनी भी बंद हो गई।
पत्नी भी घर से बाहर नहीं निकल सकी। इस वजह से रविवार की सुबह संतोष की मौत हो गई। लॉकडाउन की वजह से समाचार जानने के बाद भी न तो कोई रिश्तेदार पहुंचा और नही कोई मदद करने पहुंचा। महिला ने जिला पंचायत सदस्य सूर्य मुनी तिवारी से मदद की गुहार लगाई।
इस पर उन्होंने अंतिम संस्कार के लिए आर्थिक मदद करने के साथ शव को अवधूत भगवान राम घाट पर पहुंचाने की व्यवस्था की। यहां जिला पंचायत सदस्य शिवशंकर पटेल, पप्पू मौर्य, देव मौर्य, सुभाष मौर्य आदि ने आर्थिक मदद के साथ अंतिम संस्कार में सहयोग किया।
किसी रिश्तेदार के न पहुंचने पर पत्नी गुड़िया ने पति को मुखाग्नि दी। गुड़िया की तीन वर्ष की एक मात्र बेटी है। अब बेटी को कैसे पालेगी यही लोगों की चिंता है। हालांकि पति को मुखाग्नि देने की हिम्मत की सराहना हो रही है।
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