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यूपी सरकार के बेस्ट ऑफिसर कितने भ्रष्ट अफ़सर हैं!

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एक्टिविस्ट नूतन ठाकुर के आरटीआई में हुआ खुलासा

घोटाले की फ़ाइल को दबाए बैठे रहे उच्च अफ़सर

मुकदमा की मंजूरी होने के बाद शासन मुख्यमंत्री ने पूर्व निदेशक पंचायतीराज अनिल दमेले के विरूद्ध 409/120बी भा.दं.वि. एवं धारा-7 व 13(1)(क) सपठित धारा-13(2) भ्रष्टाचार निवारण अधिनियम (संशोधित) के अंतर्गत अभियोग पंजीकृत करने का अनुमोदन किया

आईएएस विजय किरण आनंद के खिलाफ मुकदमा दर्ज करने की नहीं दी गई मंजूरी

यूपी सरकार में जीरो टॉलरेन्स पॉलिसी में पक्षपात का आरोप

सीएम योगी को पत्र भेजकर कार्यवाही की नूतन ठाकुर ने की मांग

भारत सरकार की गाइडलाइन व शासनादेशों की अनदेखी कर अपात्र ग्राम पंचायतों को परफॉर्मेंस ग्रांट प्रदान करने के प्रकरण में भ्र.नि.अ. 2018 के तहत अभियोग पंजीकृत करने के निर्देश दिए हैं। क़रीब 700 करोड़ का प्रकरण है।

परफोर्मेंस ग्रांट घोटाला: बड़े अफसरों को बचाने, धारा से छेड़छाड़ का आरोप
एक्टिविस्ट डॉ नूतन ठाकुर ने आरोप लगाया है कि प्रदेश सरकार ग्राम पंचायतों को अनियमित रूप से परफोर्मेंस ग्रांट की धनराशि देने के मामले में बड़े अफसरों को जानबूझ कर बचा रही है.
मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ को भेजे पत्र में नूतन ने कहा कि एसपी, विजिलेंस राम किशुन द्वारा तत्कालीन प्रमुख सचिव सतर्कता अरविन्द कुमार को भेजे पत्र दिनांक 11 जुलाई 2019 में पूर्व निदेशक अनिल कुमार दमेले तथा विजय किरण आनंद के खिलाफ भी धारा 409, 120बी आईपीसी व 13(1)(सी) तथा 13(1)(डी) भ्रष्टाचार निवारण अधिनियम में मुक़दमा दर्ज करने की संस्तुति की गयी थी.
नूतन ने कहा कि विजिलेंस की संस्तुति के विपरीत शासन ने अपने पत्र दिनांक 18 अक्टूबर 2019 द्वारा मात्र कनिष्ठ अधिकारी उपनिदेशक गिरीश चन्द्र रजक तथा रमेश यादव, अपर निदेशक राजेंद्र सिंह एवं शिव कुमार पटेल तथा मुख्य वित्त अधिकारी केशव सिंह के विरुद्ध मुक़दमा दर्ज करने की अनुमति दी. साथ ही शासन ने धारा 13(1)(सी) तथा 13(1)(डी) के स्थान पर मात्र धारा 13(1)(ए) में कार्यवाही को कहा, जिसके आधार पर सतर्कता अधिष्ठान ने 22 नवम्बर 2019 को मात्र कनिष्ठ अफसरों के खिलाफ थाना अलीगंज में मुक़दमा लिखवाया.
नूतन ने मुख्यमंत्री को दो बड़े अफसरों को बचाने तथा अपराध की धाराओं को कम करने के तथ्य को संज्ञान में लेते हुए समुचित कार्यवाही की मांग की है।

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