विद्यालय बना तबेला, कबाड़ रखने व जुआ खेलने का भी होता उपयोग
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गोण्डा जिला मुख्यालय के नाक के नीचे नगर से सटे प्राइमरी पाठशाला बड़गांव, शिक्षा क्षेत्र नगर, के प्रांगण में लाखों के लागत से बना अतिरिक्त कक्ष खंडहर में तब्दील होकर कूड़ा घर बना दिया गया है।
यही नही विद्यालय पालतू जानवरों का भी आशियाना व स्थानीय लोगों के कूड़ा, कबाड़ रखने का ठिकाना बना हुआ है।
♦बताते चलें कि शिक्षा क्षेत्र नगर का प्राइमरी पाठशाला बड़गांव के प्रांगण में बालिकाओं व बालक के एक ही भवन में दो, दो प्राइमरी पाठशाला चलाया जाता है। जिसके प्रांगण में दशकों पूर्व लाखों की लागत से अतिरिक्त कक्ष का निर्माण करवा गया।जिसमे आज तक उसमें कोई क्लास नहीं लगा। फिर भी कक्ष का हाल ,बदहाल बना हुआ है।कक्ष के खिड़की व उसके दरवाजे गायब हैं। अन्दर कूड़े व गोबर दारू के बोतल का अम्बार लगा हुआ है।बारिश होने पर भवन के अन्दर पानी टपकता व पूरे परिसर में जल भराव हो जाता है।
दो दर्जन से अधिक बकरियों का आशियाना बना रहता है।
♦प्रभारी प्रधानाध्यापिका रजनी सिंह ने बताया कि आये दिन विद्यालय खोलने पर विद्यालय में दारू की खाली बोतलें पड़ी रहती और बकरियों का मल फैला रहता है।दिवारों पर पान मसाले का पीच व तास पत्तों की गड्डी मिलती रहती हैं। विद्यालय में बने ब्लैक बोर्ड को अराजक तत्वों द्वारा तोड़ दिया गया है। जबकि बाउंड्री वाल के गेट में ताला लगा रहता है।
♦ स्थानीय लोगों से पूंछने से ज्ञात हुआ कि कुछ लोग बाउंड्री कूद कर विद्यालय में बैठकर जुआ खेलते और दारू पीकर बोतल यहीं फेंक देते हैं। आस पास के कुछ बकरी पालने वाले लोग अपनी बकरियों को विद्यालय बन्द होने के बाद बाउंड्री कूदा कर परिसर में छोड़ देते हैं।जिससे विद्यालय के बरामदे में बकरियों द्वारा गन्दगी फैलाया जाता है।बकरी मालिकों से शिकायत करने पर मानते नहीं हैं।विद्यालय के कुछ कमरों का दरवाजा टूटा होने से कमरों में स्थानीय लोगों द्वारा कबाड़ रखा जाता है।जिसकी शिकायत विभाग व सेमरा पुलिस चौकी में लिखित किया गया है। अतिरिक्त कक्ष निर्माण इस विद्यालय में मेरे आने से पूर्व करवाया गया था।और जर्जर होने के कारण कभी उस कक्ष में क्लास नहीं लगाया गया है।
गोण्डा जिला मुख्यालय के नाक के नीचे नगर से सटे प्राइमरी पाठशाला बड़गांव, शिक्षा क्षेत्र नगर, के प्रांगण में लाखों के लागत से बना अतिरिक्त कक्ष खंडहर में तब्दील होकर कूड़ा घर बना दिया गया है।
यही नही विद्यालय पालतू जानवरों का भी आशियाना व स्थानीय लोगों के कूड़ा, कबाड़ रखने का ठिकाना बना हुआ है।
♦बताते चलें कि शिक्षा क्षेत्र नगर का प्राइमरी पाठशाला बड़गांव के प्रांगण में बालिकाओं व बालक के एक ही भवन में दो, दो प्राइमरी पाठशाला चलाया जाता है। जिसके प्रांगण में दशकों पूर्व लाखों की लागत से अतिरिक्त कक्ष का निर्माण करवा गया।जिसमे आज तक उसमें कोई क्लास नहीं लगा। फिर भी कक्ष का हाल ,बदहाल बना हुआ है।कक्ष के खिड़की व उसके दरवाजे गायब हैं। अन्दर कूड़े व गोबर दारू के बोतल का अम्बार लगा हुआ है।बारिश होने पर भवन के अन्दर पानी टपकता व पूरे परिसर में जल भराव हो जाता है।
दो दर्जन से अधिक बकरियों का आशियाना बना रहता है।
♦प्रभारी प्रधानाध्यापिका रजनी सिंह ने बताया कि आये दिन विद्यालय खोलने पर विद्यालय में दारू की खाली बोतलें पड़ी रहती और बकरियों का मल फैला रहता है।दिवारों पर पान मसाले का पीच व तास पत्तों की गड्डी मिलती रहती हैं। विद्यालय में बने ब्लैक बोर्ड को अराजक तत्वों द्वारा तोड़ दिया गया है। जबकि बाउंड्री वाल के गेट में ताला लगा रहता है।
♦ स्थानीय लोगों से पूंछने से ज्ञात हुआ कि कुछ लोग बाउंड्री कूद कर विद्यालय में बैठकर जुआ खेलते और दारू पीकर बोतल यहीं फेंक देते हैं। आस पास के कुछ बकरी पालने वाले लोग अपनी बकरियों को विद्यालय बन्द होने के बाद बाउंड्री कूदा कर परिसर में छोड़ देते हैं।जिससे विद्यालय के बरामदे में बकरियों द्वारा गन्दगी फैलाया जाता है।बकरी मालिकों से शिकायत करने पर मानते नहीं हैं।विद्यालय के कुछ कमरों का दरवाजा टूटा होने से कमरों में स्थानीय लोगों द्वारा कबाड़ रखा जाता है।जिसकी शिकायत विभाग व सेमरा पुलिस चौकी में लिखित किया गया है। अतिरिक्त कक्ष निर्माण इस विद्यालय में मेरे आने से पूर्व करवाया गया था।और जर्जर होने के कारण कभी उस कक्ष में क्लास नहीं लगाया गया है।
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