इटियाथोक क्षेत्र में घरेलू गैस की भारी किल्लत, करीब एक सप्ताह से लोगो को नहीं मिल रहे सिलेंडर_
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सिलेंडर की कालाबाजारी शुरू
_(प्रदीप पाण्डेय)
_गोंडा जिले के इटियाथोक क्षेत्र में घरेलू गैस सिलेंडर का संकट गहरा गया है। लोगों को जो सप्लाई सम्बंधित एजेंसी के गोदाम सहित स्थानीय चौक चौराहो पर तुरंत मिल जाती थी अब वह कई दिन से नही मिल पा रही है। लोगो की माने तो यहाँ करीब एक सप्ताह से घरेलू गैस सिलेंडर की भारी किल्लत है। जगह जगह सिलेंडर की कालाबाजारी जोरो पर चल रही है और लोग अधिक मूल्य पर लेने को मजबूर है। अनेक लोग प्रतिदिन एजेंसी के गोदाम की गणेश परिक्रमा करने को मजबूर है बावजूद इसके उन्हें सिलेंडर मांग के अनुरूप नही मिल रहे है।_*
*_केंद्र सर्कार के एक योजना के बाद ग्रामो से भी लोगो के घरो से लकड़ी से जलने वाले चूल्हे अब गायब हो चुके है। ग्रामीण अब मिटटी के चूल्हे की जगह गैस चूल्हे का उपयोग करने लगे है। ऐसे में अब गैस की किल्लत से उनके यहाँ भोजन न बनने की स्थित उत्पन्न हो गई है। समय पर सिलेंडर न मिलने के कारण इटियाथोक क्षेत्र में तमाम लोग काफी परेशान हैं। उपभोक्ता गैस एजेंसियों के चक्कर काट रहे हैं। लोग एजेंसी पर जाकर जानकारी लेते है मगर गैस कब आएगी इसके बारे में कोई सटीक बात नहीं बता पा रहा है। इलाके के कई एजेंसियों में भी लोगो को जबाव मिल रहा है कि सप्लाई आने पर ही गैस दी जाएगी, ऐसे में क्या लोग बगैर भोजन के रहेंगे ? इधर होली का त्यौहार आ गया है, लोगो के घर व्यंजन और पकवान बनते है। इस बार भोजन का लाला पड़ा है तो यह सब कैसे बनेगा, यह सोचकर लोग चिंतित है। एजेंसी मालिकों का तर्क है कि जब ऊपर से इसकी किल्लत है तो हम कैसे दे।_*
सिलेंडर की कालाबाजारी शुरू
_(प्रदीप पाण्डेय)
_गोंडा जिले के इटियाथोक क्षेत्र में घरेलू गैस सिलेंडर का संकट गहरा गया है। लोगों को जो सप्लाई सम्बंधित एजेंसी के गोदाम सहित स्थानीय चौक चौराहो पर तुरंत मिल जाती थी अब वह कई दिन से नही मिल पा रही है। लोगो की माने तो यहाँ करीब एक सप्ताह से घरेलू गैस सिलेंडर की भारी किल्लत है। जगह जगह सिलेंडर की कालाबाजारी जोरो पर चल रही है और लोग अधिक मूल्य पर लेने को मजबूर है। अनेक लोग प्रतिदिन एजेंसी के गोदाम की गणेश परिक्रमा करने को मजबूर है बावजूद इसके उन्हें सिलेंडर मांग के अनुरूप नही मिल रहे है।_*
*_केंद्र सर्कार के एक योजना के बाद ग्रामो से भी लोगो के घरो से लकड़ी से जलने वाले चूल्हे अब गायब हो चुके है। ग्रामीण अब मिटटी के चूल्हे की जगह गैस चूल्हे का उपयोग करने लगे है। ऐसे में अब गैस की किल्लत से उनके यहाँ भोजन न बनने की स्थित उत्पन्न हो गई है। समय पर सिलेंडर न मिलने के कारण इटियाथोक क्षेत्र में तमाम लोग काफी परेशान हैं। उपभोक्ता गैस एजेंसियों के चक्कर काट रहे हैं। लोग एजेंसी पर जाकर जानकारी लेते है मगर गैस कब आएगी इसके बारे में कोई सटीक बात नहीं बता पा रहा है। इलाके के कई एजेंसियों में भी लोगो को जबाव मिल रहा है कि सप्लाई आने पर ही गैस दी जाएगी, ऐसे में क्या लोग बगैर भोजन के रहेंगे ? इधर होली का त्यौहार आ गया है, लोगो के घर व्यंजन और पकवान बनते है। इस बार भोजन का लाला पड़ा है तो यह सब कैसे बनेगा, यह सोचकर लोग चिंतित है। एजेंसी मालिकों का तर्क है कि जब ऊपर से इसकी किल्लत है तो हम कैसे दे।_*
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