ठंड दे चुकी दस्तक, रैन बसेरों और अलाव का अता-पता नहीं
लखनऊ। राजधानी सहित आस-पास शहरों में ठंड के दस्तक दिये हुए काफी दिन गुजर गये हैं। मगर सूबे की राजधानी में अभी तक रैन बसेरों और अलाव का कहीं भी अता-पता नहीं है। हाल यह है कि शहर के अधिकांश इलाकों में नजर डाली जाये तो देर रात सड़क के किनारे गरीब और मजदूर वर्ग के लोग कूड़ा जलाकर रात काटते नजर आ जायेंगे। बावजूद इसके नगर निगम ने अभी तक ठंड से बचाव की कोई कवायद शुरु नहीं की है।
राजधानी में सर्दी अपना रंग पकडऩे लगी है। लेकिन नगर निगम और प्रशासन द्वारा गरीबों को निजात दिलाने के लिए कोई इंतजाम नजर नहीं आ रहे हैं। नतीजा, गरीब तबके के लोग झाड़ झंखाड़ जलाकर अलाव तापते नजर आ रहे हैं।
गरीब तबके के लोग ठंड से बचने के लिए अलाव जलाने के लिए इधर उधर हाथ-पांव मारने लगे हैं। अलाव तापने के लिए संसाधन जुटाने के लिए भटकने लगे हैं ताकि ठंड से निजात मिल सके। इस मौसम में गरीब तबके के लोग ज्यादा मुश्किल में हैं। इन लोगों के पास न ही गर्म कपड़े हैं न ही कोई इंतजाम हं,ै जिससे सर्दी में बचाव किया जा सके। फुटपाथ और सड़क पर दिन रात बीताने वाले गरीब बेबसी के शब्दों में कहते हैं कि बड़े लोग तो हवेली और बंद मकानों में रहते हैं। यही वजह है कि उन्हें न ठंड का एहसास नहीं होता है। वहीं सरकार और उसके विभाग के लोग भी गौर जिम्मेदाराना रवैया बनाये हुए हैं।
नगर निगम के अधिकारियों के माने तो जोनवार तैयारिया पूरी कर ली गयी हैं। अधिकांश जगह रैन बसेरों की व्यवस्था कर दी गयी है। जहां गरीब और मजदूर वर्ग के लोग रात गुजार रहे हैं।
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