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*बेबी मान्टेसरी स्कूल खीरी टाउन मे दादागीरी चरम पर*

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*गली कूचो मे कुकुरमुत्ते की तरह फैले स्कूल धन उगाही के अलावा  अभिभावको का भी अपमान करने से नही चूकते* 

      HTN Live ब्यूरो  अंकुर दीक्षित की रिपोर्ट

*लखीमपुर खीरी* -खीरी टाउन देश को बेहतर नागरिक देने के उद्देश्य से सरकार बेहतर से बेहतर शिक्षा का प्रबन्ध करती है ताकि देश के नौनिहाल संस्कारित होकर देश के अच्छे नागरिक बनकर देश का गौरव बढाये ।लेकिन शिक्षा विभाग की शून्य शैली के चलते जहा एक तरफ सरकार के संस्कारित भारत का सपना तार तार होता नजर आरहा  है वही दूसरी तरफ कुकुरमुत्तो की तरह गली कूचो मे फैले स्कूलो की धन उगाही नीति के चलते देश के नौनिहालो का भविष्य भी दाव पर है ।इतना ही नही यह स्कूल अभिभावको का सरेआम अपमान भी बडी हठधरमी से कर देते हैं ।एसा ही  आज एक प्रकरण बेबी मान्टेसरी स्कूल खीरी टाउन का संज्ञान मे आया ।बताया जाता है कि 15 तारीख हर फीस जमा करने की डिउ डेट होती है और 18 तारीख तक एक बच्चे की फीस किसी कारण वष नही जमा हो पाई जिससे बेबी मान्टेसरी स्कूल की प्रिन्सिपल ने आज से शुरू होनी वाली परीक्षा मे न केवल बैठने की अनुमति दी बल्कि कक्षा 5 के उस छात्र बुरी तरह से पीटकर उसे यह कहकर भगा दिया कि फीस लेकर ही आना ।यह भी बताया जाता है कि उस बच्चे ने अपने पिता जी के शहर से बाहर होने की बात कही लेकिन प्रिन्सिपल एक न सुनी उनकी पिटाई से बच्चे के हाथ मे गहरा जख्म हो गया ।बताया जाता है कि जब बच्चा रोता हुआ घर पहुचा तो एक महिला अभिभावक फीस का प्रबंध करके बच्चे के साथ स्कूल पहुची और बच्चो के साथ इस तरह की  अमानवीय हरकत न करने की गुजारिश की इस पर प्रिन्सिपल का पारा चढ गया और उस युवती बहुत बुरा भला कहा इतना ही नही स्कूल मे शिक्षण कार्य कर रही लडकियो ने भी जमकर अश्लील भाषा का प्रयोग किया ।साथ ही पूरे खानदान को जाहिल कहा यह भी कहा कि तुम्हारे खून मे शिक्षा नही है कभी किसी ने स्कूल का मुह नही देखा ।और धमकी दी कि इस बच्चे के बारे मे एसा लिख दूगी कि इसका कही एडमीशन नही होगा ।यह कोई पहला वाक्या नही है आसपास के लोग बताते है कि इस स्कूल मे आये दिन इसी तरह अभिभावको को जलील किया जाता है यह सारी टीचर एक साथ अभिभावक को जलील करती है ।यह भी संज्ञान मे आया है कि बेबी मान्टेसरी स्कूल में कुछ फालतू नवयुवक बैठे रहते है वह भी उनकी दादागीरी में सहयोग करते है ।आज समूचे कस्बे मे यह चर्चा का बिषय बना हुआ है लोगो मे चिता जताई जा रही है कि शिक्षा के मन्दिर मे संस्कार सिखाने की उम्मीद लेकर बच्चो को जिनके पास भेजा जाता है जब वह ही असॅसकारिक और असभ्य है तो संस्कारिक समाज की कल्पना मात्र कल्पना ही है ।लोगो का कहना है कि सरकार शिक्षा विभाग पर जनता के खून पसीने की कमाई करोड़ो मे सिर्फ इसलिए करती है कि देश मे शिक्षा बेहतर हो स्कूलो मे बेहतर पढाई हो इसके लिए सकूलो मे शिक्षक की तैनाती भी कई प्रकार की प्रतियोगी परीक्षाओ के बाद ही करती है ।लेकिन विभाग की खाऊ कमाऊ नीति के चलते सरकार की मंशा पर पानी फिरता नजर आ रहा है ।गली कूचो मे कुकुरमुत्ते की तरह  फैले स्कूलो मे हो रही नौनिहालो के साथ खिलवाड़ शिक्षा विभाग के भ्रष्टाचार की मिसाल है ।लोगो का कहना है कि विभागीय अधिकारियो का काम अब सिर्फ पोस्टिंग ट्रान्सफर सस्पेंशन बहाली है शिक्षा से कोई मतलब नही है ।आज अगर गौर से देखा जाए तो किसी भी स्कूल मे पढ रहे अधिकाॅस छात्रो को अपना नाप पता ठीक से लिखना नही आता ।जो वास्तव मे भारतीय नागरिको के लिए चिन्ता का विषय है ।बहरहाल बेबी मान्टेसरी स्कूल की यह हरकत आज समूचे शहर मे चर्चा का बिषय बनी हुई है और शिक्षा विभाग पर सवालिया निशान है ।समाचार लिखे जाने तक स्कूल प्रबन्धन से सम्पर्क नही हो पाया ।लोगो मे कानाफूसी यह भी है उक्त के सम्बन्ध अभिभावक उच्च अधिकारियो से मुलाकात कर कार्यवाही की माग कर सकते है हालाकि अभिभावको  ने कार्यवाही करने के सम्बन्ध मे मुह नही खोला है

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