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वर्ष 2018-उप्र में अपराधों में आयी कमी, पुलिस ने दिखाए तेवर

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लखनऊ। उत्तर प्रदेश में वर्ष 2018 के जनवरी से लेकर दिसम्बर तक अपराध के आंकड़ों पर नजर डाला जाए तो उसमें कमी आयी है। पूरे वर्ष पुलिस की सक्रियता बनी रही और प्रदेश के छोटे बड़े शहरों में बड़ी गिरफ्तारियां भी हुई। वर्ष 2018 में उप्र पुलिस की कमान पुलिस महानिदेशक ओपी सिंह के हाथ में आ गयी थी। नये पुलिस महानिदेशक ने आने के साथ ही ठोस निर्णयों में सबसे पहले नेटवर्क को मजबूत करने पर जोर दिया गया। उप्र पुलिस के क्राइम ब्रांच, एलआईयू और डॉयल 100 के नेटवर्क को मजबूत किया गया। इस दौरान जिले के कप्तानों के कार्यों की समीक्षा हुई और उचित उत्तर ना दे पाने वाले कप्तानों के क्षेत्र में फेरबदल किए गए। पुलिस महानिदेशक कार्यालय में भी बदलाव किए गए। जिसका असर जिला स्तर पर पुलिसिंग पर पड़ा। 
पूरे वर्ष महिलाओं की सुरक्षा पर जोर दिया गया। छोटी घटनाएं होने पर पुलिस की सक्रियता बनी रही। पश्चिमी उत्तर प्रदेश में महिलाओं के विरुद्ध होने वाली घटनाओं को भरपूर रोकने का प्रयास किया। इससे 30 प्रतिशत तक घटनाओं को रोकने में सफलता प्राप्त हुई। अपराध को रोकने के लिए उप्र पुलिस ने एनकाउंटर किए। इसमें इनामी अपराधियों को मार गिराया गया। स्पेशल टास्क फोर्स की टीमों ने बड़े एनकाउंटर में अपनी अहम भूमिका निभायी। लखनऊ के वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक कलानिधि नैथानी के मुताबिक वर्ष 2018 में एक जनवरी से 15 सितम्बर तक जनपद में 90 हत्याएं, 30 लूट, चार डकैती की घटनाओं की जानकारी दी गयी। उन्होंने तुलनात्मक अध्ययन की जानकारी देते हुए कहा कि वर्ष 2017 में एक जनवरी से 15 सितम्बर तक 100 हत्याएं हुई, इसके अलावा 10 डकैती, 62 लूट और 74 बलात्कार की घटनाएं हुई थी। इस प्रकार से वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक ने लखनऊ जनपद में अपराध पर नियंत्रण का दावा किया गया। 
हालांकि पुलिस की कार्यशैली पर सवाल भी उठे। इसमें अलीगढ़ में 20 सितम्बर को हरदुआगंज क्षेत्र में पुलिस मुठभेड़ में मारे गए मुस्तकीम व नौशाद की मौत को स्थानीय नेताओं ने हत्या बताया था। पुलिस मुठभेड़ को फर्जी करार दे दिया था। इसी तरह से 09 जुलाई को बागपत जेल में कुख्यात अपराधी मुन्ना बजरंगी की गोली मारकर हत्या में भी जेल प्रशासन और स्थानीय पुलिस की फजीहत हुई थी। 
वर्ष 2018 की प्रमुख वारदातें
17 जनवरी 2018-उत्तर प्रदेश का कुख्यात अपराधी बग्गा सिंह नेपाल बार्डर पर एसटीएफ और लखीमपुर जिले की पुलिस से संयुक्त रूप से हुई मुठभेड़ में ढेर हो गया। उसके ऊपर यूपी पुलिस ने 50 हजार का इनाम घोषित किया था। कुख्यात बग्गा ने अपहरणकर्ताओं की गैंग बना रखी थी। 
पांच वर्ष पूर्व में पहली बार बग्गा सिंह का नाम डालू गुप्ता नामक अपराधी के साथ प्रकाश आया था। दोनों ने लखीमपुर कचहरी में एक सिपाही की हत्या की और फरार हो गए। उसके बाद बग्गा सिंह ने अपहरण की दुनिया में पांव रखे और एक के बाद एक कई वारदातों को अंजाम दिया। वर्ष 2014 में निघासन क्षेत्र में ही पुलिस मुठभेड़ में बग्गा बच निकला था और इसका साथी डालू गुप्ता मार गिराया गया था। 
03 फरवरी 2018-उत्तर प्रदेश की राजधानी में कृष्णानगर थाना पुलिस ने मुठभेड़ के बाद बावरिया गैंग के चार अपराधियों महेंद्र उर्फ महेश, मनोज उर्फ छोटू, राजेश उर्फ पतला, रमेश उर्फ राजू को गिरफ्तार किया। लखनऊ में पिछले दिनों चिनहट, काकोरी और मलिहाबाद में हुईं डकैती में ये शामिल थे। 
13 फरवरी 2018- लखनऊ के पीजीआई में राजेश रावत की हत्याकांड और सरोजनीनगर के डकैती कांड का मुख्य आरोपी संदीप कोरी को सुबह पांच बजे के करीब कृष्णा नगर थाना पुलिस ने मुठभेड़ के बाद गिरफ्तार कर लिया। मुठभेड़ के दौरान संदीप के पैर में गोली लगी है और उसको अस्पताल में भर्ती कराकर उपचार कराया जा रहा हैं। 
05 अप्रैल 2018-लखनऊ के ठाकुरगंज इलाके में दस हजार के इनामी बदमाश बबलू पहाड़ी को पुलिस ने गिरफ्तार किया। बबलू पहाड़ी के ऊपर कई अपराधिक घटनाओं में शामिल होने का आरोप है। उसके खिलाफ हत्या का प्रयास, लूट, डकैती जैसे मुकदमें दर्ज हैं। ठाकुरगंज पुलिस इन सभी मुकदमों में पिछले छह माह से वांछित रहें बबलू के खिलाफ विधिक कार्यवाही कर जेल भेजने की तैयारी कर रही है।
29 जून 2018-बांग्लादेश के मॉडलगंज से छूपकर भारत में आये शफीकुल और उसके साथी को पुलिस ने गिरफ्तार किया। गाजीपुर थाना और महानगर थाना ने संयुक्त रुप से आपरेशन को अंजाम देते हुए दोनों की गिरफ्तारी की। इस दौरान दोनों बांग्लोदेशी डकैतों के पैर में गोली लगी। घायल हुए बांग्लादेशी नागरिकों को सिविल अस्पताल में भर्ती कराया गया।
31 जुलाई 2018-लखनऊ में मुख्यमंत्री आवास और राजभवन के बीच में मोटरसाइकिल सवार विनीत कुमार तिवारी ने ताबड़तोड़ फायरिंग कर बैंक की कैशवैन के गार्ड की हत्या कर दी और लाखों रुपये लूट लिये थे। इस फायरिंग में कस्टोडियन और ड्राइवर भी घायल हुए थे। जब पूरा पुलिस महकमा आरोपी युवक की पहचान करने और उसके गिरफ्तारी कराने में जुट गयी। कृष्णा नगर इलाके में छापेमारी कर आरोपी की पहचान हुईं और बाद में पुलिस द्वारा बिछाये गये नेटवर्क से पुलिस की टीमें घटना के छह दिनों के बाद 05 अगस्त को रायबरेली के भोलाखेड़ा पहुंची। जहां पर आरोपी विनीत तिवारी छुपा हुआ था, वहां से उसकी गिरफ्तारी हुई। 
25 अगस्त 2018-प्रदेश के एटा और फिरोजाबाद जनपद में डकैती के मामलों में एक वर्ष से फरार चल रहे 30 हजार के इनामी डकैत राजेश बावरिया को गाजियाबाद जिले की लोनी बार्डर पुलिस ने गिरफ्तार किया। डकैत राजेश को चार जनपदों की पुलिस तलाश रही थी और हत्या, हत्या के प्रयास, डकैती, लूट जैसी वारदात करने के मुकदमें पंजीकृत थे।
17 नवम्बर 2018-उत्तर प्रदेश के सबसे बड़े इनामी डकैत बबली कोल गैंग के चार सक्रिय डकैतों मुन्ना, लंगड़ा, लवकुश और अमित उर्फ लल्ला को चित्रकूट जिले की मारकुण्डी थाने की पुलिस ने गिरफ्तार किया। इनके पास से 315 बोर की एक रायफल, 12 बोर के नौ कारतूस, 30 स्प्रिंग रायफल के तीन कारतूस, खाद्य एवं दैनिक उपयोग के सामान आदि बरामद किये गये। 
03 दिसम्बर 2018- बुलंदशहर जिले में स्याना इलाके में ट्रक में गोवंश मामले में पूरा माहौल अशांत हो गया। लोगों की भीड़ ने पुलिस वालों पर पथराव किया और जिस बीच इंस्पेक्टर सुबोध सिंह समेत दो लोगों को जान चली गई। इंस्पेक्टर सुबोध सिंह की हत्या के मामले में मुख्यमंत्री से मृतक का परिवार मिला। इस मामले में 27 लोगों के खिलाफ नामजद मुकदमा पंजीकृत किया गया और 50 से 60 अज्ञात लोगों के खिलाफ भी मुकदमा हुआ। मामले में पुलिस ने शुरुआती जांच में ही आरोपियों को गिरफ्तार किया। 

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