सीएम योगी ने समरसता कुंभ-2018 से जुड़ी पुस्तक का किया लोकार्पण :-- मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ का बयान।
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न्यूज़- ब्रेकिंग अयोध्या
समरसता कुंभ में मौजूद संतो और अतिथियों का राम की नगरी में अभिनंदन करता हूँ
कुंभ भारतीय संस्कृति में मानवता का सबसे बड़ा मिलन स्थल है
मानवता के इस संगम कुंभ में किसी के साथ नही होता कोई भेदभाव
देश और दुनिया मे कुंभ के संदेश के लिए समरसता कुंभ का किया गया आयोजन
अयोध्या से देश दुनिया को दिया जा सकता है मानव कल्याण से जुड़ा एक बड़ा संदेश
पहला वैचारिक कुंभ बाबा विश्वनाथ की धरती पर सम्पन्न हुआ
दूसरा नारी शक्ति से जुड़ा वैचारिक कुम्भ कृष्ण की धरती मथुरा में आयोजित हुआ
तीसरा वैचारिक कुंभ आज राम की नगरी अयोध्या में आयोजित किया जा रहा है
चौथा वैचारिक कुंभ लखनऊ और पांचवा वैचारिक कुंभ प्रयाग में होगा।
हमने इससे पहले राजधानी लखनऊ में कृषि कुंभ का आयोजन किया गया
अपने कार्यक्रम की ब्रांडिंग के लिए कुम्भ एक बड़ा नाम बन गया है
सनातन धर्म की विजय है कि अब राजनीति करने वाले अब अपने को हिन्दू बताने लगे है
अब तो लोग अपना जनेऊ दिखाकर गोत्र भी बताने लगे है
कुंभ को बदनाम करने के लिए तथाकथित बुद्धजीवियों के जरिये साजिश रची जा रही है
विदेशी जूठन खाकर भारत मे बैठ कर भारत की संस्कृति को कोसा जा रहा है
तथाकथित बुद्धजीवी साजिशों का शिकार हो रहे है
सनातन धर्म से वास्ता न रखने वाले सबरीमाला मंदिर में जन भावना की खिलाफत कर रहे है
एक साजिश के तहत कुंभ को पर्यावरण विरोधी और जनविरोधी करार दिया जा रहा है
जबकि कुंभ में तो लोग स्वतःस्फूर्त बढ़ चढ़कर बिना किसी भेदभाव के जरिये पहुचते है
कुंभ विरोधी साजिशों को नाकाम करने के लिए वैचारिक कुंभ का आयोजन किया जा रहा
तुलसी जैसे वृक्षो की पूजा करने वाले हम सनातन धर्मियों से बड़ा प्रकृति प्रेमी कौन हो सकता है
वर्षो पहले हमारे पूर्वजों ने बलिदान देकर अक्षयवट का किया संरक्षण
पहली बार संगम तट पर स्थित किले में आस्था के केंद्र अक्षयवट का भी कराया जाएगा दर्शन
मैंने अपनी गौशाला की तरफ भजनों के स्पीकर रख उनके स्वास्थ्य पर सकारात्मक प्रभाव देखे
संगीत का पशु, पक्षियों और पेड़ो पर भी पड़ता है सकारात्मक अससर
ईश्वर की सर्वोत्तम कृति मनुष्य के साथ किया जाने वाला भेदभाव एक विकृति है
अगर मुगलों और अंग्रेजो द्वारा थोपे गए भेदभाव को स्वीकार न किया होता तो ये देश कभी गुलाम नही होता
वेद की अधिकतर ऋचाएँ दलितों के पूर्वज ऋषियों ने रची
वाल्मीकि रामायण के रचयिता महर्षि वाल्मीकि है, लेकिन फिर उनके समाज से छुआछूत करते है
दोगले चरित्र वाला व्यक्ति कभी सफल नही हो सकता
हम आज राहुल गांधी की तरह नया गोत्र बनाने लगे, जनेऊ दिखाने लगे, तो दुर्गति तो होनी ही है
जिनका स्वयं का इतिहास 2000 वर्ष पुराना नही वो आज हमारे 10 हजार वर्ष पुराने इतिहास को बता रहे है
भारतीय समाज और संस्कृति ने कभी छुआछूत और भेदभाव को महत्व नही दिया
मर्यादा पुरूषोत्तम श्रीराम ने भी कभी छुआछूत की भावना को नही माना
आज फेसबुक और गूगल हमारे उपनिषद और पुराण से अधिक प्रामाणिक नही
फेसबुक और गूगल के ज्ञान से उबरना होगा
कुंभ नारी शक्ति का केंद्र और सभी धर्मों की अदभुत समरसता का केंद्र है।
न्यूज़- ब्रेकिंग अयोध्या
समरसता कुंभ में मौजूद संतो और अतिथियों का राम की नगरी में अभिनंदन करता हूँ
कुंभ भारतीय संस्कृति में मानवता का सबसे बड़ा मिलन स्थल है
मानवता के इस संगम कुंभ में किसी के साथ नही होता कोई भेदभाव
देश और दुनिया मे कुंभ के संदेश के लिए समरसता कुंभ का किया गया आयोजन
अयोध्या से देश दुनिया को दिया जा सकता है मानव कल्याण से जुड़ा एक बड़ा संदेश
पहला वैचारिक कुंभ बाबा विश्वनाथ की धरती पर सम्पन्न हुआ
दूसरा नारी शक्ति से जुड़ा वैचारिक कुम्भ कृष्ण की धरती मथुरा में आयोजित हुआ
तीसरा वैचारिक कुंभ आज राम की नगरी अयोध्या में आयोजित किया जा रहा है
चौथा वैचारिक कुंभ लखनऊ और पांचवा वैचारिक कुंभ प्रयाग में होगा।
हमने इससे पहले राजधानी लखनऊ में कृषि कुंभ का आयोजन किया गया
अपने कार्यक्रम की ब्रांडिंग के लिए कुम्भ एक बड़ा नाम बन गया है
सनातन धर्म की विजय है कि अब राजनीति करने वाले अब अपने को हिन्दू बताने लगे है
अब तो लोग अपना जनेऊ दिखाकर गोत्र भी बताने लगे है
कुंभ को बदनाम करने के लिए तथाकथित बुद्धजीवियों के जरिये साजिश रची जा रही है
विदेशी जूठन खाकर भारत मे बैठ कर भारत की संस्कृति को कोसा जा रहा है
तथाकथित बुद्धजीवी साजिशों का शिकार हो रहे है
सनातन धर्म से वास्ता न रखने वाले सबरीमाला मंदिर में जन भावना की खिलाफत कर रहे है
एक साजिश के तहत कुंभ को पर्यावरण विरोधी और जनविरोधी करार दिया जा रहा है
जबकि कुंभ में तो लोग स्वतःस्फूर्त बढ़ चढ़कर बिना किसी भेदभाव के जरिये पहुचते है
कुंभ विरोधी साजिशों को नाकाम करने के लिए वैचारिक कुंभ का आयोजन किया जा रहा
तुलसी जैसे वृक्षो की पूजा करने वाले हम सनातन धर्मियों से बड़ा प्रकृति प्रेमी कौन हो सकता है
वर्षो पहले हमारे पूर्वजों ने बलिदान देकर अक्षयवट का किया संरक्षण
पहली बार संगम तट पर स्थित किले में आस्था के केंद्र अक्षयवट का भी कराया जाएगा दर्शन
मैंने अपनी गौशाला की तरफ भजनों के स्पीकर रख उनके स्वास्थ्य पर सकारात्मक प्रभाव देखे
संगीत का पशु, पक्षियों और पेड़ो पर भी पड़ता है सकारात्मक अससर
ईश्वर की सर्वोत्तम कृति मनुष्य के साथ किया जाने वाला भेदभाव एक विकृति है
अगर मुगलों और अंग्रेजो द्वारा थोपे गए भेदभाव को स्वीकार न किया होता तो ये देश कभी गुलाम नही होता
वेद की अधिकतर ऋचाएँ दलितों के पूर्वज ऋषियों ने रची
वाल्मीकि रामायण के रचयिता महर्षि वाल्मीकि है, लेकिन फिर उनके समाज से छुआछूत करते है
दोगले चरित्र वाला व्यक्ति कभी सफल नही हो सकता
हम आज राहुल गांधी की तरह नया गोत्र बनाने लगे, जनेऊ दिखाने लगे, तो दुर्गति तो होनी ही है
जिनका स्वयं का इतिहास 2000 वर्ष पुराना नही वो आज हमारे 10 हजार वर्ष पुराने इतिहास को बता रहे है
भारतीय समाज और संस्कृति ने कभी छुआछूत और भेदभाव को महत्व नही दिया
मर्यादा पुरूषोत्तम श्रीराम ने भी कभी छुआछूत की भावना को नही माना
आज फेसबुक और गूगल हमारे उपनिषद और पुराण से अधिक प्रामाणिक नही
फेसबुक और गूगल के ज्ञान से उबरना होगा
कुंभ नारी शक्ति का केंद्र और सभी धर्मों की अदभुत समरसता का केंद्र है।
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