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63 बटालियन एनसीसी विश्व रक्तदान दिवस* के अवसर पर ,'रक्तदान और हमारा शरीर' से जुड़ी भ्रांतियों को दूर किया

                                    HTN Live
आज दिनांक 14 जून 2023   63  बटालियन एनसीसी ने रक्तदान कर लौटे  कैडेटों को   विश्व रक्तदान दिवस* के अवसर पर  ,'रक्तदान और हमारा शरीर'  से जुड़ी भ्रांतियों को दूर करने के लिए सदेश दिया गया और समाज में फैली भ्रांतियों के प्रति लोगों को जागरूक करने को कहा गया। 


63 बटालियन के  प्रशासनिक अधिकारी लेफ्टिनेंट कर्नल पी पी किशोर ने रक्तदान को लेकर समाज में व्याप्त भ्रांतियों के बारे में 63 एन सी सी कैडेटों को अवगत कराया गया।
लेफ्टिनेंट कर्नल पी पी किशोर ने यह बताया कि रक्त का हमारे शरीर में कितना महत्व है इसकी कमी अथवा असंतुलन से कई प्रकार की शारीरिक एवं मानसिक बीमारियां होती हैं। शरीर में RBC तथा WBC का संतुलन होना बहुत ही आवश्यक है।


इसी क्रम में बातचीत के दौरान शिया पी जी कालेज के डा० आगा परवेज मसीह ने WHO की थीम 2023,' Give Blood, Give Plasma, share life, share often' विषय पर अपने विचारों से कैडेटों को लाभान्वित किया l अत्यंत ही सरल शब्दों में इन्होंने रक्त के महत्व एवं उसकी उपयोगिता पर प्रकाश डाला इनके अनुसार 18 वर्ष से 65 वर्ष का समय रक्तदान के लिए सर्वाधिक उचित है ।
रक्तदान स्वस्थ व्यक्ति को ही करना चाहिए अगर व्यक्ति किसी बीमारी से पीड़ित है तो उसके लिए रक्तदान करना उचित नहीं है। डॉ मसीह ने यह भी बताया कि महिलाओं में रक्त की मात्रा 12.5 एवं पुरुषों में 14.0 हो इसी स्थिति में रक्तदान करना सुरक्षित है। 

इसी क्रम में 63 बटालियन के सुबेदार मेजर अरविंद यादव  ने बताया कि  रक्तदान को शरीर के लिए सुरक्षित बताया और कहा व्यक्ति जितना रक्तदान करता है कुछ ही समय में उसके शरीर में पुनः रक्त की उतनी पूर्ति हो जाती है इसलिए रक्तदान पूर्णतया सुरक्षित है।

 आज समाज में रक्तदान की आवश्यकता है कई लोग स्वस्थ होते हुए भी रक्तदान करने से डरते हैं क्योंकि उनके मन में इस से जुड़ी कई भ्रांतियां हैं और आज  इन्हीं भ्रांतियों को व्यक्ति के मन से निकालना तथा अधिक से अधिक रक्तदान करने के लिए लोगों में जागरूकता फैलाना था। 
यह मौका था आज विश्व रक्तदान दिवस का वेस अस्पताल में रक्तदान शिविर से लौटे लखनऊ विश्वविद्यालय, शिया कालेज , डी ए वी डिग्री कालेज,  जी पी एल के कैडेटों   से बातचीत के दौरान कही गयी

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