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दबंगई के चलते आबादी की जमीन पर दबंग कर रहे अवैध कब्जा मंदिर मार्ग को भी किया अवरुद्ध

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संवाददाता ज्ञानेश पाल धनगर

सुप्रीम कोर्ट के आदेश का तहसील सिधौली के ग्राम पलिया में कोई असर दिखाई नहीं दे रहा है। उत्तर प्रदेश की योगी सरकार भू माफियाओं पर शिकंजा कस रही है तथा भू माफियाओं पर बुलडोजर चलवा रही है। वही सुप्रीम कोर्ट ने भी सरकारी जमीन को कब्जा मुक्त कराने के निर्देश प्रशासन को दिए हैं, किंतु इसके बावजूद तहसील सिधौली की ग्राम पंचायत सरैया बलदेव सिंह के ग्राम पलिया में इसका कोई असर नहीं दिखाई दे रहा है। गांव के दबंगों ने आबादी की जमीन पर अवैध निर्माण कर रखा है। वह सरकारी रास्ते को बनने नहीं दे रहे हैं। इतना ही नहीं दबंगों ने मंदिर के मार्ग को भी अवरुद्ध कर रखा है। जिसके चलते ग्रामीणों की आस्था भी दांव पर लगी है। जिसके चलते ग्रामीणों में रोष दिखाई दे रहा है। वहीं कुछ ग्रामीणों ने पुलिस की कार्यशैली को भी लेकर सवाल खड़े कर दिए हैं।





 बताते चलें कि तहसील सिधौली के ग्राम पलिया मजरा सरैया बलदेव सिंह निवासी विश्वनाथ ने अपने कब्जे की 40/50 जमीन को राकेश पुत्र नत्था को बेच दी थी किंतु विश्वनाथ का आरोप है कि राकेश ने जितने भूमि खरीदी थी उससे दोगुनी भूमि पर अपना निर्माण करवा रहे हैं। उन्होंने आबादी की जमीन पर भी निर्माण शुरू कर दिया है। जिससे सरकारी मार्ग अवरुद्ध हो गया है। बता दें कि यह रास्ता अति प्राचीन माता के मंदिर को जाता है। जिसके चलते ग्रामीणों की आस्था भी अब दांव पर लगी है। ग्रामीणों ने बताया कि गांव के ही राकेश चौरसिया, मनोज चौरसिया, ज्ञानेंद्र चौरसिया, मदन चौरसिया, मुन्ना चौरसिया, कमलेश चौरसिया, शिवसागर मिश्रा, आमोद मिश्रा, आनंद मिश्रा तथा अंबुज मिश्रा आदि लोगों ने आबादी की भूमि पर अवैध कब्जा कर रखा है। जब ग्राम प्रधान ने मुख्य मार्ग से लेकर मंदिर तक सड़क निर्माण का कार्य शुरू कराया तो इन लोगों ने काम को रुकवा दिया तथा मारपीट पर आमादा हो गए। कई बार इन लोगों ने गांव के ही सोनू शुक्ला, विश्वनाथ समेत कई ग्रामीणों के खिलाफ फर्जी थाने में तहरीर देकर दबाने की भी कोशिश की। जिससे कोई उनके अवैध कब्जे का रोड़ा ना बने। ग्रामीणों ने इसकी शिकायत उपजिलाधिकारी सिधौली से की है। उपजिलाधिकारी सिधौली ने जांच करवाकर कार्रवाई करने की बात कही है। कई जगहों पर दबंगों ने सरकारी भूमि पर अवैध कब्जे कर रखे है जिसका यह एक बड़ा उदाहरण है। अब देखना यह बाकी है कि क्या जिला प्रशासन तथा तहसील प्रशासन ऐसे दबंग भूमाफिया पर कोई कार्रवाई करते हैं या दबंगों के हौसले यूं ही बुलंद रहेंगे तथा निर्दोषों को फर्जी तहरीर देकर उन्हें जेल भेजने का षड्यंत्र रचते रहेंगे। नाम ना छापने की शर्त पर एक ग्रामीण ने बताया कि गांव के इन्हीं दबंग भू माफियाओं ने कई लोगों पर फर्जी मुकदमे लिखवा दिए तथा गांव के ही एक यादव परिवार को इन्होंने इतना प्रताड़ित किया कि वह गांव छोड़कर कहीं और रहने को मजबूर है। ऐसे में सवाल ये उठता है कि क्या योगी सरकार का डंडा ऐसे भूमाफिया पर नहीं चलता ?  क्या योगी सरकार में ऐसे दबंगों को किसी बड़े नेता या अधिकारी का संरक्षण प्राप्त है ?  जीरो टॉलरेंस पर काम करने वाली योगी सरकार में दबंग भूमाफिया आखिर खुले कैसे घूम रहे हैं अभी एक बड़ा सवाल बना हुआ है।

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