एक ऐसा शिव मंदिर जहां संतान की प्रात्ति के लिए पहुचे है लोग,
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संवाददाता ज्ञानेश पाल
लखनऊ। उत्तर प्रदेश की राजधानी लखनऊ से 45 किलोमीटर दूर त्रेतायुग(Tretayug) का एक ऐसा शिव मन्दिर जिसकी शिवलिंग भारत के सभी शिव मंन्दिरों से बड़ी बताई जाती है. लोगों का मानना है. इस मन्दिर की शिव लिंग स्वयंभू (self-proclaimed) बताई जाती है. इस मन्दिर में आने वाले सभी भक्तों की मनोकामना पूर्ण होती है. यह मन्दिर मानेश्वर महा देव के नाम से बिख्याता है. इस मन्दिर में ऐसे लोगों का विशेष आना होता है. जो नि:शन्तान होते है, इस मन्दिर में शिवलिंग के पूजा आर्चना से शन्तान की उत्पत्ति होती है.
यूपी के सीतापुर(sitapur) जनपद के विकास खण्ड सिधौली(Sidhauli) क्षेत्र की ग्राम पंचायत मंनवा के मजरा रसूलपनाह गांव के उत्तर दिशा में स्थित मानेश्वर महादेव मंदिर की गणना त्रेतायुग से की जाती है.
इक्ष्वाकु वंश(Ikshvaku vansh) में भगवान श्रीराम के पहले राजा युवनाश्व(raja Yuvanashva)द्वितीय हुए जिनकी कोई संतान(santaan) नही थी. उन्होंने ऋषि च्यवन के कहने पर इसी स्थान पर यज्ञ किया था. अज्ञ के दौरान एक कलश में रख्खे जल को धोखे से राजा ने पी लिया. इस कलश का जल अभिमंत्रित था. जो राजा युवनाश्व की पत्नी को पीना था. जिस के कारण राजा युवनाश्व को गर्भ धारण हो गया. राजा के दाहनी कोख चीरकर पुत्र का जन्म हुआ. जिनका नाम इन्द्र देव ने मांधाता रखा. जिसके बाद राजा युवनाश्व द्वितीय ने इस स्थान पर मन्दिर का निर्माण कराया. इस मन्दिर की शिवलिंग त्रेतायुग से पहले की बताई जाती है.
कई पौराणिक ग्रंथों में इस मन्दिर व राजा मांधाता के किले का वर्णन किया गया है.
कालान्तर में राजा माधाता(raja Mandhata) द्वारा इस मन्दिर का जीर्णोद्धार कराया बताया जाता है. वही समय समय पर क्षेत्रीय लोगों द्वारा मन्दिर का जीर्णोद्धार कराया जाता रहता है. इस गांव के दूसरी ओर पूर्व-दक्षिण में राजा मांंधाता के किले के अवशेष आज भी विद्यमान हैं. जो पुरात्तव विभाग के आधीन है. इस मंदिर की शिवलिंग भारत के सभी शिव मंन्दिरों से बड़ी बताई जाती है. लोगों का मानना है, इस मन्दिर की शिव लिंग स्वयंभू है. मन्दिर(temple) की विशाल शिवलिंग श्रद्धालुओं की आस्था का केंद्र है. इस शिवलिंग में विभिन्न आकृतियां उभरती रहती है. यहाँ वर्ष भर लोग पूजन अर्चन के लिए आते रहते हैं. इस मन्दिर में संतान की कामना रखने वाले लोगों का विशेष आना होता है. इस मन्दिर में जो भी सच्चे मन से संतान की प्राप्ति की कामना करता है, उसकी मूराद भगवान शिव अवस्य ही पूर्ण करते है.
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