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मानस गृहस्थ गीता पाठ संग श्री रामकथा का समापन दिवस

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लखनऊ 22 अगस्त रविवार।बीरबल सहनी मार्ग स्थित पंचमुखी हनुमान मन्दिर परिसर में बाल व्यास आचार्य श्याम भूषण जी के मुखारबिंदु से 
मानस गृहस्थ गीता पाठ के साथ  श्री राम कथा के समापन समारोह में भक्तों की भीड़ लगी 
आचार्य श्याम भूषण जी ने 
अयोध्या में मात्र बारह वर्ष की अल्पआयु में ही राम कथा का वाचन प्रारम्भ कर दिया था।आप अयोध्या के परिक्रमा मार्ग स्थित श्री कुंज आश्रम में श्री राम कथा का पाठ करने आ रहे है। 
पंचमुखी मन्दिर के अध्यक्ष श्री आर पी शर्मा 
पंडित दिनेश मिश्रा 
व्यवस्थापक पुजारी पण्डित दिनेश दीक्षित ,पंडित पवन मिश्रा 
के द्वारा श्रावण मास की पूर्णिमा  के अवसर पर पंचमुखी बजरंग बली पूजन के साथ  रक्षा सूत्र बाँधने के बाद कथा का प्रारंभ हुआ।  यजमान श्री आर पी शर्मा ने  आचार्य श्याम भूषण जी को अंग वस्त्र समर्पित किया कथा फिर श्री राम कथा का प्रारंभ हुआ। 

आज भाई बहन के प्रेम के पर्व रक्षा बंधन की  कथा को  श्री कृष्ण ,बलराम और सुभद्रा के प्रेम का सुखद वर्णन किया।
 द्रौपदी ने श्री कृष्ण को अपने आँचल का चिर बँधा था जिसका  उपकार में श्री कृष्ण ने भरी सभा में  द्रौपदी के आँचल को असीमित कर दिया था।  ऐसा महत्त्वपूर्ण होता है रक्षा सूत्र। 
  श्री राम कथा को  विस्तार से संगीतमय रूप में सुना कर  राम रसिक भक्तों को भाव-विभोर कर दिया।आचार्य श्याम भूषण जी कह्ते है कि अयोध्या के राजा राम मर्यादापुरुषोत्तम बने अपने पुत्र परायण कार्यो से। प्रजा पालक राजा के रूप मे सभी वर्गों के मनुष्यों को सहज भाव से सहायता प्रदान की। 
 यदि श्री राम पिता की अवज्ञा करके राज्य के लिए लड़ते तो वह एक राजा ही रह जाते। 
लेकिन पिता की आज्ञा को शिरोधार्य करके चौदह वर्ष के वनवास का दृढ़ता से पालन किया अनेकों राक्षसों का वध करते है। ऋषि मुनियों को सुख प्रदान करते है। धर्म की स्थापना करते है। 
सीता को पुनः वन भेजते समय पति धर्म से उपर राज्य धर्म को प्राथमिकता देते है। ऐसे राजा राम मर्यादापुरुषोत्तम श्री राम बने  ।
यदि कोई श्रीराम के एक भी गुण को जीवन में उतार ले तो उसका जीवन सफल हो जाए।
आज रक्षाबंधन के पर्व पर सभी पुरुषों को कन्याओं ,महिलाओं को पुत्री,माता के भाव से देखना चाहिए ।वर्तमान समय में आज इसकी बहुत ज्यादा जरूरत है  ।इसके बाद राजा राम  का राज्याभिषेक किया गया। समापन के बाद का हवन पूजन कल सोमवार के लिए निश्चित किया गया है 
 उत्तर प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री श्री कल्यान सिंह नमन करते हुए को सभी के द्वारा दो मिनट का मौन रख करके भक्तो द्वारा श्रद्धांजलि दी गई  ।

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