लखनऊ: ऑनलाइन क्लास में छात्रा को आए अश्लील मैसेज, शिकायत करने पहुंचे परिवार को टीचर ने स्कूल से भगाया
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ऑनलाइन क्लास के दौरान व्हाट्स एप ग्रुप को जरूर चेक करो कहीं आपके ग्रुप में विदेशी नम्बर तो नहीं जुडा है।
+91 भारत का कोड है कही आपके व्हाट्स एप ग्रुप में कोई विदेशी तो नहीं घुसा है ।जो किसी आतंकवादी संगठन से तो नहीं जुडा हो ।
यदि किसी नम्बर पर शक हो तो एक तहरीर निकटतम थाने में जरूर देंँ।
राजधानी लखनऊ में ऑनलाइन क्लास के दौरान व्हाट्स एप ग्रुप में जुड़े अनजान इंटरनेशनल नम्बर की ओर से छात्रा को बदनाम करने का मामला सामने आया है। मामले को लेकर शिकायत करने स्कूल पहुंचे पीड़ित परिवार से स्कूल प्रशासन ने जमकर बदसलूकी और अभद्रता की। हालांकि, मामले से जुड़े एक संदिग्ध छात्र के खिलाफ स्थानीय थाने में मुकदमा दर्ज किया गया है, जिसे लेकर पुलिस टीम की ओर से पूछताछ की जा रही है।
उत्तर प्रदेश में कोरोना से घटते संक्रमण के साथ बच्चों की शिक्षा व्यवस्था को सुचारू रूप से चलाने के लिए ऑनलाइन क्लास का सिलसिला भी शुरू हो गया। इसी बीच ऑनलाइन क्लास के दौरान मनचलों की ओर से की जा रही अलग-अलग तरह की शरारतों और उससे छात्राओं को होने वाली दिक्कतों के किस्से भी सामने आने लगे। इसी से जुड़ा हुआ एक सनसनीखेज मामला यूपी की राजधानी लखनऊ से सामने आया। जहां ऑनलाइन क्लास कर रही एक नाबालिग छात्रा के स्कूल ग्रुप में पहले तो एक अनजान नम्बर की ओर से अश्लील मेसेज करके परेशान किया जाने लगा और जब छात्रा के परिवार ने स्कूल प्रशासन को मामले की शिकायत की तो स्कूल की शिक्षिका ने पीड़ित परिवार के साथ अभद्रता करने के साथ ही उन्हें स्कूल से बाहर निकाल दिया।
लखनऊ: थाने में लड़की से पुलिसवाले ने की अभद्रता, फिर यह हुआ
ऑनलाइन क्लास के ग्रुप में जुड़ा इंटरनेशनल नंबर, छात्रा पर की अश्लील टिप्पणी
पूरा मामला लखनऊ के मड़ियांव थाना क्षेत्र के है। जहां रहने वाली मानवी द्विवेदी ने बताया कि उनकी 13 वर्षीय बेटी अलीगंज थाना क्षेत्र स्थित सेंट एंटोनी इंटर कॉलेज में 8वीं की छात्रा है। बीते 15 जुलाई को ऑनलाइन क्लास के लिए बनाए गए सभी वॉट्सऐप ग्रुप में अचानक एक इंटरनेशनल नंबर जुड़ जाता है और सभी बच्चों व शिक्षिकाओं के बीच उनकी बेटी को लेकर अश्लील टिप्पणी करने करना शुरू कर देता है। उन्होंने बताया कि स्कूल प्रशासन ने ग्रुप हैक होने का हवाला देकर उस नम्बर को सभी ग्रुप्स से हटा दिया लेकिन उसी दिन अराजक तत्व की ओर से एक नया वॉट्सऐप ग्रुप बनाया जाता है, जिसमें क्लास के सभी बच्चों, शिक्षिकाओं और स्कूल प्रिंसिपल समेत फाउंडर को भी जोड़ दिया जाता है। उस नए ग्रुप में भी लगातार छात्रा टारगेट करके अश्लील टिप्पणी होना शुरू हो जाती हैं। मानवी द्विवेदी का कहना है कि यह हरकत क्लास के ही किसी छात्र की ओर से उनकी बेटी को मानसिक प्रताड़ना देने के लिए की जा रही थी।
शिकायत के लिए स्कूल पहुंचा पीड़ित परिवार, शिक्षिका बोली- 'सस्ती लोकप्रियता के लिए परिवार रच रहा साजिश'
हालातों से परेशान परिवार ने स्कूल प्रशासन पर आरोप लगाते हुए कहा कि मामले की शिकायत जब स्कूल के प्रिंसिपल से की गई तो उन्होंने यह स्कूल का मामला न होने की बात कहकर पूरे प्रकरण से किनारा कर लिया। पीड़ित परिवार का आरोप है कि घटना के कुछ समय बाद जब पीड़ित परिवार कुछ अभिभावकों को लेकर स्कूल प्रशासन से बात करने पहुंचा तो स्कूल की वॉइस प्रिंसिपल ऋतु सिंह ने अभद्रता करते हुए मामले को खत्म करने का दबाव बनाया। इतना ही नहीं, मामले को लेकर स्कूल की वॉइस प्रिंसिपल ने यह तक कह दिया कि सस्ती लोकप्रियता पाने के लिए अभिभावक बच्चों का सहारा लेते हुए साजिश करने का काम कर रहे हैं।
लैंडलाइन नम्बर से आया कॉल, छानबीन करने पर क्लास के बच्चे का नाम आया सामने
पीड़ित छात्रा की मां ने बताया कि इंटरनेशनल नम्बरों को हर जगह से ब्लॉक करने के बाद एक लैंडलाइन नम्बर से भी कॉल आना शुरू हो गए। जानकारी के मुताबिक उस लैंडलाइन नम्बर से भी वही अश्लील बातें की जा रही थीं, जोवॉट्सऐप के ग्रुप्स में कही जा रही थीं। छानबीन करने के बाद वह लैंडलाइन नम्बर बेटी के ही क्लास के एक शारिक नाम के लड़के का निकला। मामले को लेकर जब स्कूल प्रशासन से कार्रवाई की बात की गई तो उन्होंने स्कूल की बदनामी का हवाला देकर मामले में सुलह करने का दबाव बनाना शुरू कर दिया। हालांकि, परिवार ने खुद स्थानीय मड़ियांव थाने पहुंचकर मामले की शिकायत करते हुए संदिग्ध आरोपी के खिलाफ मुकदमा दर्ज कराया।
कमिश्नर से शिकायत के बाद हरकत में आई पुलिस, आलाधिकारी को सौंपी गई जांच
पीड़ित परिवार का कहना है कि मुकदमा दर्ज होने के बाद भी स्थानीय थाने के दारोगा मामले में सुलह करने का दबाव बना रहे हैं। उधर पुलिस टीम की ओर से हो रही हीलाहवाली को लेकर पीड़ित परिवार ने लखनऊ के पुलिस कमिश्नर डीके ठाकुर से मुलाकात करते हुए न्याय की गुहार लगाई है। पुलिस कमिश्नर ने मामले की गंभीरता को देखते हुए एडीसीपी प्राची सिंह को घटना की जांच करने के साथ कड़ी कार्रवाई के निर्देश दिए हैं।
सुत्रों की माने तो कहीं ये धर्मांतरण का मामला तो नहीं हैं क्योंकि नाबालिग लडके का भाई बीएससी तीन चार बर्ष पहले कर चुका है और घर पर ही रहता है कही इसी लडके ने तो नहीं की यह शर्मनाक हरकत क्योंकि लडके कि हरकतें संदिग्ध लग रही है
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