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सांसे हो रही है कम, आओ संकल्प करें मिलकर पेड़ लगाएं हम***हमराह एक्स कैडेट एनसीसी सेवा संस्थान

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            अमन मिश्रा

प्राचीन काल से पौधों और मनुष्य के बीच संबंध बहुत करीबी रहा है। मानव जाति अभी भी जीवित रहने के लिए पौधे की दुनिया पर निर्भर करती है। सृष्टि के आरम्भ से लेकर आज तक मानव सभ्यता और संस्कृति में जो सब उद्भव हुए हैं। उन सभी के जड़ में वृक्षों का छिपा हुआ योगदान है। मानव जाति के उत्थान के लिए वृक्षों का दान अतुलनीय है. बहुत दुखद और अफसोसजनक बात यह है की, यांत्रिक विस्तार और तेजी से औद्योगीकरण और जनसंख्या विस्फोट के कारण वृक्षों के संख्या कम हो रहे हैं. जो स्थान एक दिन घने पेड़ जंगलों से भरे हुए थे, वह स्थान आज खाली है. दुनिया का कुल वन क्षेत्र लगातार घट रहा है. पर्यावरण प्रदूषण मानव जीवन को दिन-प्रतिदिन और अधिक खतरनाक बना रहा है। अपने आसपास वृक्षारोपण के संकल्प को मन में लेकर आज अपने निवास पर बरगद,बेल पत्र , एवम अन्य पेड़ो का वृक्षारोपण किया एवं उनकी देखभाल का संकल्प लिया। Cobid -19 महामारी में हम सब ने हमारे समाज ने ऑक्सीजन के अभाव में अपने परिवार जनों मित्रों एवं बहुत सारे सहयोगियों को खोया है। इसलिए वृक्षारोपण आज एक बड़ी जरूरत एवम् हमारे जीवन का महत्वपूर्ण हिस्सा बन गया है। तो आओ हम सब संकल्प लें, अपने परिवार के एक-एक सदस्य के नाम से एक एक पेड़ अवश्य लगाएं और अपने भविष्य संवारने के लिए अपनी पीढ़ियों को शुद्ध ऑक्सीजन धरोहर के रूप में दे जाए।

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