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वैश्विक आपदा कोरोना, जैविक युद्ध की निगरानी, जांच और मानवीय अधिकारों की रक्षा करें संयुक्त राष्ट्र संघ - सार्वभौमिक सुमंगल मंच। सार्वभौमिक

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सुमंगलम मंच ने संयुक्त राष्ट्र संघ के महासचिव एंटोनियो गुटेरेश को पत्र लिखकर पांच मांग किया है।

1. - दुनिया में कोविड जैविक आपदा को हथियार के रूप में प्रयोग की जांच स्वतंत्र एजेंसी से कराई जाए एवं दोषी राष्ट्र पर कार्यवाही हो।
2. - अंतरराष्ट्रीय शांति, सुरक्षा आर्थिक विकास के भविष्योन्मुखी योजना बनायी जाय जिसमें जैविक, रसायनिक, विनाशकारी हथियारों के निर्माण पर रोक लगे।
3. - विश्व के सभी राष्ट्र सामाजिक, मानवीय नैतिक पक्षों में अपने देश के जैविक, रासायनिक लैबों को सार्वजनिक करें।
4. - शस्त्र नियंत्रण को प्रभावी कर जैविक रासायनिक हथियारों के निर्माण, भंडारण पर प्रतिबंध लगाया जाय और इन हथियारों को निशस्त्रीकरण के दायरे में लाया जाय।
5. - अंतरराष्ट्रीय जैविक रासायनिक हथियारों की निगरानी के लिए 'परमाणु ऊर्जा एजेंसी' की तरह अलग से 'स्वतंत्र एजेंसी' गठित हो।
उक्त माँग पत्र की कॉपी माननीय प्रधानमंत्री, गृह मंत्री एवं विदेश मंत्री भारत सरकार को भी भेजी गई है। सार्वभौम सुमंगल मंच के संयोजक साधक राजकुमार ने कहा कि बुद्ध पूर्णिमा पर, बुद्ध की धरती जिसने विश्व शांति-विश्वमंगल की संकल्पना दिया है पर हम सभी सामाजिक, सांस्कृतिक संगठन एक सार्वभौम सुमंगल मंच पर एकत्रित होकर पुनः विश्व मंगल के लिए यह मांग किया  है।  यह महामारी प्राकृतिक प्रतीत न होकर जैविक युद्ध का आगाज प्रतीत होती  है। अतः वैश्विक आपदा कोरोना के परिपेक्ष में इस जैविक युद्ध की निगरानी जांच और मानवीय अधिकारों की रक्षा संयुक्त राष्ट्र संघ करे। वर्तमान परिवेश में संपूर्ण विश्व परिवार अनिश्चितता महामारी और अशांति से जूझ रहा है। इस कोविड के समय मे अनेक बड़े देशों द्वारा सुपर पावर बनने, सीमाओं के विस्तार, साम्राज्यवादी, अनैतिक, अमानवीय, जैविक एवं रसायनिक हथियारों की शोध एवं निर्माण की होड़ लगी है जो तृतीय विश्वयुद्ध की भूमिका बना रही है। दुनिया में सांप्रदायिक आतंकवाद, शक्ति विस्तार हेतु वैज्ञानिक प्रगति इस संसार के समस्त वैभव, सुख - शांति के विनाश का कारण बन रहे हैं। शक्ति संतुलन के सिद्धांत पर हथियारों की होड़ तेज होती जा रही है। जिससे आणविक हथियारों, शस्त्र नियंत्रण, निशस्त्रीकरण से मानवता को बचाना कठिन होता जा रहा है। ऐसे समय में सार्वभौमिक सुमंगल हेतु संयुक्त राष्ट्र संघ से वसुधैव कुटुंबकम की भावना की रक्षा के लिए मनसा वाचा कर्मणा अपने कर्तव्यों को निभाने का हम सभी सामाजिक सांस्कृतिक संगठन आग्रह किये है। शांति, सहअस्तित्व की रक्षा में गुट निरपेक्ष राष्ट्र भयभीत है। जैविक हथियारों के प्रयोग की बात अनेक देश और एजेंसियाँ चीन पर इस हथियार का प्रयोग कर दुनिया को व्यापक धन-जन की हानि का आरोप लगा रहीं हैं। जिससे वैश्विक अर्थव्यवस्था कराह रही है और अनेक देश -परिवार असमर्थ होते जा रहे हैं। इसलिए संयुक्त राष्ट्र संघ से प्रभावी भूमिका निभाने का आग्रह सार्वभौम सुमंगल मंच कर रही है। संयुक्त राष्ट्र संघ संपूर्ण मानव जाति का परिवार है अतः सहयोग समन्वय से सबका साथ- सबका विकास - सबका विश्वास का लोक कल्याण का सुमित पावन भाव बना रहे। जिससे मानवीय जीवन मूल्यों में और अस्वस्थ प्रतिस्पर्धा, वैज्ञानिक आविष्कारों का दुरुपयोग के स्थान पर सामाजिकता, सत्य, प्रेम, करुणा, मैत्री, दया,  अंतर्निर्भरता, कृतज्ञता के आधार पर सार्वभौमिक सुमंगल के आधार पर मानवता प्रकृति संस्कृत की सुरक्षा- संरक्षण हो सके।
इस सार्वभौम सुमंगल मंच पर सामाजिक, सांस्कृतिक संगठन जैसे सुममगलम परिवार, कर्तव्या फाउंडेशन, विश्व पुरोहित परिषद, लोक संस्कृति उत्थान न्यास, हमराह एक्स एनसीसी कैडेट संस्थान मानवीयता के रक्षार्थ अपनी भूमिका का निर्वहन कर रहें है।

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