नगर निगम के बजट सुधार हेतु कदम उठाये जाने के संकेत, अर्थशास्त्रियों संग बजट पर महापौर और नगर आयुक्त का मंथन, वास्तविक बजट बनाने की ओर बढ़े कदम
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अजीत सिंह ब्यूरो चीफ
आज दिनाँक 18/03/2021 को नगर निगम के आगामी मूल बजट 2021-22 को बनाने से पूर्व अर्थशास्त्रियों से राय लेने के लिए के लिए महापौर संयुक्ता भाटिया ने लखनऊ के प्रमुख संस्थानों के अर्थशास्त्रियों को बुला कर बजट पर मंथन किया। इस दौरान महापौर श्रीमती संयुक्ता भाटिया, नगर आयुक्त अजय द्विवेदी, उपाध्यक्ष कार्यकारिणी समिति और मुख्य लेखाधिकारी सहित संबंधित अधिकारियों संग विभिन्न विश्वविद्यालयों के अर्थशास्त्रियों और प्रोफेसर नगर के साथ निगम मुख्यालय में बजट में सुधार हेतु मंथन किया।
इस मौके पर लखनऊ विश्व विद्यालय के इकोनॉमिक्स विभाग के एचओडी प्रोफेसर एम०के० अग्रवाल, शकुंतला विश्व विद्यालय से डिपार्टमेंट ऑफ कॉमर्स एंड मैनेजमेंट से प्रोफेसर प्रेम मोहन, डॉक्टर भीमराव अंबेडकर विश्व विद्यालय के डिप्टी रजिस्ट्रार श्री आशीष रस्तोगी, एकेटीयू से आई०ई०टी० के इकोनॉमिक्स विभाग की असिस्टेंट प्रोफेसर शुश्री निकी नैंसी झा एवं एकेटीयू से आई०ई०टी० के बिजनेस एडमिनिस्ट्रेशन के प्रोफेसर डॉक्टर मनीष शर्मा ने नगर निगम के मूल बजट पर मंथन करते हुए अनुमानित की जगह वास्तविक बजट बनाने और बजट सुधार हेतु कई अतिमहत्वपूर्ण सुझाव दिए।
नगर आयुक्त ने कहा कि वर्तमान में नगर निगम में आय का अलोकेशन अनुमानित आधार पर होता है, उसी के आधार पर व्यय तय किया जाता है, परंतु अनुमानित आय का लक्ष्य पूरा न हो पाने के उपरांत भी अलोकेडेड व्यय पूरा खर्च कर दिया जाता है, जिससे देयताएं (लाइबिलिटी) बढ़ती है।
महापौर संयुक्ता भाटिया ने कहा कि बजट किसी भी संस्था का मूल आधार होता है। लखनऊ के प्रमुख अर्थशास्त्रियों संग नगर निगम के बजट पर मंथन से नई दिशा मिली है, लखनऊ की सम्मानित जनता को नगर निगम द्वारा उपलब्ध कराए जाने वाले मूलभूत आवश्यकताओं और सुविधा प्रदान करते हुए बजट को सुदृण करने का कार्य किया जाएगा। व्यय को संतुलित कर आय के श्रोतो को बढ़ाते हुए, मितव्यय पर लगाम लगाते हुए, सामाजिक उत्तरदायित्वों का निर्वहन करते हुए बजट को पुनः समीक्षा कर बनाने की ओर कदम उठाए जाएं। सबसे अधिक व्यय होने वाले मद को व्यवस्थित किया जाएगा, जहाँ खर्चे कम हो सके वहाँ खर्चे कम किये जायेंगे।
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