विशेषज्ञो के सहयोग से गन्ने की प्राकृतिक रूप से बुबाई कराई गयी।
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देवेंद्र कुमार
लखीमपुर खीरी
तहसील निघासन के बम्हनपुर -ग्राम पंचायत बौधिया कला मे प्राकृतिक विधि से गन्ने की बुवाई करने के लिए प्रेरित किया ग्राम बौधिया कला निवासी किसान ठाकुर अंकुर सिंह ने प्राकृतिक विधि से गन्ने की बुवाई किया जिसमे किसी भी प्रकार की रासायनिक खाद नही पडेगी इस विधि की बुवाई मे एक किलो बुझे हुए चुना ,5किलो बेसन ,5 किलो गुड 15से 20किलो गोबर गाय का इन सभी वस्तुओं को मिलाकर जीवामृत तैयार किया गया इसे तीन दिन पहले तैयार करके गन्ने को भिगो कर गन्ने की बुवाई की जाती है इस विधि से गन्ने की बुवाई करने से कम लागत आती है और बीज भी कम पड़ता पैदावार अधिक होती है इसे आग्रगैनिक खेती भी कहा जाता है उप गन्ना प्रबंधक अशोक कुमार मौर्य ने बताया कि मिल प्रसाशन द्वारा हम लोगों को निर्देश दिये गये है कि इस प्रकार की खेती करने के लिए लोगों को प्रोत्साहित करो कम लागत मे ज्यादा पैदावार होगी बीमारियां भी कम होगी ,सहायक गन्ना प्रबंधक परविन्दर सिंह,सहायक गन्ना अधिकारी हरद्वारी लाल यादव,ने आकर ग्राम पंचायत बौधिया कला मे किसान अंकुर सिंह के खेत मे बुवाई प्रारम्भ कराई उप गन्ना प्रबंधक अशोक कुमार मौर्य जी ने बताया कि कम लागत मे ज्यादा पैदावार करने के लिए ये कदम उठाया गया है इसमे किसी प्रकार कि रासायनिक खाद नही पडेगी और कम लागत मे ज्यादा पैदावार होगी साथ सह फसली खेती जैसे उडद ,मूँग आदि की सह फसली खेती भी की जायेगी जिससे किसान की लागत का 1/2भाग सहफसली से निकल आयेंगा जिससे किसान को काफी राहत पहुंचेगी जिससे समय समय पर गन्ने की देखभाल भी होती रहेगी!
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