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जन्म भूमि को पीछे छोड़ कर्म भूमि की सूरत बदलने में लगे हैं प्रभारी निरीक्षक संजय दुबे मिल रहा लोगों का सहयोग

HTN Live 


रिपोर्ट सुशील कुमार द्विवेदी

आप सभी लोगों ने किस्से कहानियों और रियल लाइफ में ऐसे कई पुलिस अधिकारियों के बारे में सुना व देखा होगा जो अपने सानों शौकत और रूतबे को बरकरार रखने के लिए रात दिन एक किये रहते हैं यहां तक कि गैर कानूनी कार्य करने से भी गुरेज नहीं करते लेकिन हम आज आपको एक ऐसे पुलिस अधिकारी के बारे में बताएंगे जिसने अपने नौकरी पीरियड का व्यस्ततम समय व व्यक्तिगत कमाई का ज्यादातर हिस्सा अपने कर्म भूमि को सजाने संवारने व उसकी सूरत बदलने में समर्पित कर दिया स्वयं के साथ-साथ परिवार की इच्छाओ व आकांक्षाओं को पूरा करने के बजाए जोइनिंग से अब तक पूरा समय कर्मभूमि के कायाकल्प व समाज के गरीब असहाय लोगों के उत्थान के लिए अर्पित कर दिया जी हां हम जिस पुलिस अधिकारी की बात कर रहे हैं वह कोई और नहीं दो माह पूर्व इटियाथोक कोतवाली का पदभार ग्रहण कर चुके प्रभारी निरीक्षक संजय कुमार दुबे है। कोतवाली का कार्यभार संभालने के दूसरे दिन से ही कोतवाली के कायाकल्प का ताना-बाना बुनना सहयोगी पुलिस कर्मियों संग प्रारंभ कर दिए थे श्री दुबे व्यक्तिगत खर्च से कोतवाली के जर्जर भवनो की मरम्मत रंगाई पुताई सहित परिसर के चारों तरफ कम हाइट की बाउंड्री वॉल को तोड़वाकर उसे ऊंची हाइट में तब्दील कर दीवारों की वॉल पुट्टी कोतवाली के दुसरे मेन गेट समेत दीवारों की लाइटिंग व परिसर में खाली पड़े स्थानों पर पार्क के निर्माण कार्य के साथ-साथ पार्क सहित परिसर के चारों तरफ क्यारियों का निर्माण करा कर कई किस्म के फूलों व औषधि पौधों के साथ छायादार वृक्षों के रोपण का कार्य करा चुके, परिसर के अंदर वेतुके ढंग से लगे पुराने वृक्षों की कटाई छटाई का कार्य लगभग संपन्न हो चुका है जनवरी माह के अंत तक इटियाथोक कोतवाली परिसर किसी फाइव स्टार होटल के लुक की तरह नजर आएगा और गोंडा बलरामपुर रोड से होकर गुजरने वाले राहगीरों व क्षेत्रीय लोगों को अपनी तरफ आकर्षित करते हुए रुक कर नये लुक को निहारने के लिए विवश कर देगा। प्रभारी निरीक्षक द्वारा कराए जा रहे कोतवाली के मिशन कायाकल्प की क्षेत्र में खूब सराहना हो रही है वहीं क्षेत्र के आर्थिक रूप से संपन्न लोग निर्माण कार्य में निरीक्षक महोदय का बढ़-चढ़कर सहयोग भी कर रहे। आपको बता दें कि इटियाथोक कोतवाली का मिशन कायाकल्प एक बानगी मात्र है इससे पहले भी प्रभारी निरीक्षक संजय दुबे उन सभी 28 थानो/ कोतवाली का जन सहयोग के माध्यम से कायाकल्प करा चुके हैं जहां उनकी तैनाती रही है और इसके लिए उन्हें विभागीय उच्च अधिकारियों के द्वारा कई पुरस्कार भी प्रदान किए गए। 

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