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कोरोना काल में सकारात्मक सोच ने दिलायी जीत

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 पुस्तक मेला में हुई संभाषण की ऑनलाइन प्रतियोगिता 

लखनऊ, 6 अक्टूबर। राष्ट्रीय पुस्तक मेला समिति और लखनऊ पुस्तक मेला समिति द्वारा संयुक्त रूप से आयोजित ऑनलाइन पुस्तक मेले में मंगलवार को छठे दिन ‘लॉकडाउन के  सकारात्मक कार्य  विषयक सम्भाषण प्रतियोगिता हुई। उसमें प्रदेश भर के बाल और युवा प्रतिभागियों ने भाग लिया। इसके प्रतिभागियों ने अपने विचारो को व्यक्त करते हुए कहा   कि कोरोना काल में सकारात्मक विचारो के कारण ही हम सुरक्षित है। 

मेला समिति के आयोजक मनोज सिंह चंदेल ने बताया कि इस क्रम में बुधवार 7 अक्टूबर को भजनो पर गायन की प्रतियोगिता होगी। ज्योति किरन रतन के संयोजन और संचालन में हुए इस वृहद कार्यक्रम में पांच से सोलह साल तक के प्रतिभागियों ने प्रदेश भर से भाग लिया। कानपुर से अवनीत कुमार चावला, कोटा से आस्था चतुर्वेदी , बस्ती से दुर्गेश शर्मा , गोरखपुर से उपमा शर्मा  बनारस से  शंतला शुक्ला अविका गुप्ता और लखनऊ से मंजु सिंह, रिद्धिमा सोनकर यशश्वी पोरवाल , अश्वित रतन अयान चौधरी,आर्या सिंह शिवान्या गुप्ता और अक्षिता सिंह सहित 34 बच्चो ने बढ चढ कर  प्रतिभाग किया। प्रतिभागियों ने कहा कि कोरोना महामारी के कारण जो  संकट काल पैदा हुआ है उससे पूरा विश्व लड़ रहा है। लेकिन  इस आपदा में भी लोगों ने अपने साथ साथ  समाज के अन्य लोगो के विकास का मार्ग भी खोला । लोगों को अपने परिवार के साथ अधिक से अधिक समय बिताने का अवसर मिला वहीं कम खर्च में जीवन यापन का हुनर भी सीखा। इस खाली समय में लोगों ने कई अन्य विधाओ मे भी  ज्ञानार्जन किया वहीं अपने शौक भी पूरे किये। यहां तक की लोग अपने घरों की पआंतरिक और वाह्य सज्जा भी करवा पाए। स्वास्थ खानपान के प्रति लोग सजग हुए,बागवानी  के साथ साथ साग सब्जियों  भी घरो मे लगाई  ।अब अपनी बोई सब्जियो की फसल काट कर लौकी और तुरई का आनंद ले रहे हैं। वाहन कम चलने से प्रदूषण पर अंकुश लगा वहीं लोगों की पैदल चलने की आदत पड़ी। स्वरोजगार मे भी लोगो ने अपनाया। सेनिटाइज़र ,मास्क आदि बनाकर रोजगार के अवसर भी सृजित किये।  गरीबो की मदद के लिये जिस तरह से लोग आगे आये उसने एक भाईचारे की भावना भी विकसित की ।सरकारी के साथ साथ समाजिक संस्थाओ ने   प्रवासी मजदूरों से लेकर झोपड़-पट्टियों तक में भोजन, कपड़े दवाएं आदि पहुंचाया। ऑनलाइन क्लास ने अभिभावकों के समक्ष यह अवसर भी उपलब्ध करवाया कि वह अध्यापक की मेहनत और अपने बच्चे के साथी सहपाठियों मे अंतर को जान पाये। प्रतिभागियों ने प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ की जनोपयोगी निर्णयों की भी प्रशंसा की। वक्ताओं ने संदेश दिया कि ऐसा विकास हो जिसमें समाज और प्रकृति से संतुलन स्थापित किया जाए।

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