सिटी लाईफ हॉस्पिटल एवं ट्रामा सेंटर की खुली पोल
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अब देखते हैं योगी सरकार ऐक्शन लेगी या नहीं पवन पांडेय आपराध ब्यूरो प्रमुख उत्तर प्रदेश
उत्तर प्रदेश ।। लखनऊ राजधानी शहर में सिटी लाइफ हॉस्पिटल एवं ट्रामा सेंटर विगत वर्षों से भर्ती हुए मरीजों का सही उपचार व सही रेख -देख नहीं होने के साथ-साथ भर्ती हुए मरीजों से तरह -तरह से लंबा बिल बना कर ठगाई करने का कार्य संचालक व चिकित्सकों द्वारा किए जाने पर बदनाम सुदा है फिर भी वर्तमान सरकार 07 बेड के इस हॉस्पिटल को कोविड-19 का ट्रामा सेंटर बनाकर मरीजों के साथ ठगाई करने के लिए पूर्ण रूप से छूट दे दी है जिसके चलते आए दिन इस हॉस्पिटल में दलालों व आशा बहुओं द्वारा भर्ती किए हुए मरीज पीड़ित होकर किसी तरह अपने मरीज की जान बचा कर भागने का प्रयास करते हैं किंतु इनका लंबा बिल उन्हें निचोड़ कर ही डिस्चार्ज करता है जिसके चर्चे लखनऊ ही नहीं बल्कि अन्य क्षेत्रों में बदनाम सुदा में हैं और चिकित्सा स्वास्थ्य मंत्री के साथ - साथ स्वास्थ्य निदेशक व क्षेत्रीय चिकित्सा विभागीय अधिकारी इस ट्रामा सेंटर पर कार्रवाई करने में असमर्थ दिख रहे हैं। आखिर ऐसा क्या कारण है जो मरीजों के साथ खिलवाड़ करने के लिए शासन और प्रशासन ने इन्हें आजाद छोड़ा है?
प्राप्त जानकारी अनुसार सीतापुर जनपद के अंतर्गत ग्राम फर्रकपुर थाना इमलिया सुल्तानपुर जनपद सीतापुर निवासी अमित सिंह पुत्र कुलदीप सिंह ने अपनी आपबीती बताते हुए कहा कि 02 अक्टूबर 2020 को पिता कुलदीप पुत्र दुर्ग पाल सिंह ने बिना जानकारी के शहद समझ कर धान में डालने वाली दवा को पी लेने से उनका स्वास्थ्य बिगड़ने की जैसे ही जानकारी हुई तो उन्हें जिला अस्पताल सीतापुर में भर्ती कराया जहां चिकित्सकों ने उपचार दौरान हालत गंभीर देख उन्हें मेडिकल कॉलेज लखनऊ के लिए रेफर किया था। जब वह अपने पिता को गंभीर हालत पर एंबुलेंस की सहायता से मेडिकल कॉलेज लखनऊ लिए जा रहे थे तभी एंबुलेंस चालकों ने उन्हें बहला-फुसलाकर बदनाम सुदा सिटी लाइफ हॉस्पिटल एवं ट्रामा सेंटर लखनऊ के यहां डॉक्टर मुशीर से उपचार कराने की बात कही और उनकी बातों में आकर उनके उपचार हेतु सिटी लाइफ हॉस्पिटल एवं ट्रामा सेंटर में भर्ती करते समय एडवांस के तौर में एडमिड फाइल बनाने के दौरान उनसे ₹60000 नगद जमा कराया गया। तब उनका उपचार जारी हुआ लेकिन डॉक्टर मुशीर ने पीड़ित मरीज के परिवार से पुनः ₹30000 नगद जमा कराएं और कहा कि आपको सारी दवाइयां व अन्य खर्चों का बिल उपलब्ध करा रहे हैं। परंतु अस्पताल में भर्ती पिता के स्वास्थ्य में कोई सुधार ना होने पर अपनी जान पहचान के लोगों को अस्पताल में बुलाकर जानकारी दी। उन्होंने आकर देखा कि दवाइयों में फ्रेंटानिल, मेडाजोल जैसे नारकोटिक्स दवाइयां शामिल मिली तब उन्होंने अस्पताल में मौजूद चिकित्सक कर्मचारियों से ₹90000 जो जमा किया था उसका बिल मांगा तो उन्होंने ₹60000 का बिल थमाया तो उन्होंने ₹30000 अधिक जमा किया हुआ रुपया मांगा तो उन्होंने सुबह में देने की बात कही, तब अपने पिता को डिस्चार्ज करा कर उनके सही स्वास्थ्य उपचार हेतु दूसरी अस्पताल में भर्ती कराया। जब सुबह सिटी हॉस्पिटल एवं ट्रामा सेंटर डॉक्टर मुशीर से ₹30000 कुलदीप सिंह लेने पहुंचे तो डॉक्टर मुशीर व उनके साथियों ने बिना बात के ही गालियां देने के साथ जान से मारने की धमकी देते हुए धक्का देकर भगा दिया। तब पीड़ित ने अपने साथ हुई धोखाधड़ी व ठगाही होने के साथ-साथ अपमानित होने और जान से मारने की धमकी मिलने पर स्वास्थ्य निदेशक लखनऊ को प्रार्थना पत्र भेजते हुए न्याय की गुहार लगाते हुए सिटी हॉस्पिटल एवं ट्रामा सेंटर लखनऊ पर सक्षम अधिकारियों द्वारा जांच करते हुए कड़ी कार्रवाई करने के साथ ₹30000 दिलाए जाने की गुहार लगाई है।
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