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इटियाथोक पुलिस की जांच में भतीजा ही निकला चाचा के हत्या का आरोपी भेजा गया जेल

HTN Live 


रिपोर्ट सुशील कुमार द्विवेदी इटियाथोक गोंडा

चाचा को उसके ही घर में गला दबाकर मौत की नींद सुलाने वाले हत्या आरोपी भतीजे को इटियाथोक कोतवाली पुलिस नें गिरफ्तार कर जेल भेज दिया है। पूरा प्रकरण इटियाथोक कोतवाली क्षेत्र अंतर्गत ग्राम पंचायत परसियाबहोरीपुर के मजरा जगन्नाथीपुर से जुड़ा हुआ है। आपको बता दें कि यहां के निवासी अयोध्या प्रसाद उर्फ ननके उपाध्याय पुत्र शिवराज उपाध्याय (40) का मृत शरीर बीते 14 अक्टूबर को उनके ही घर में संदिग्ध परिस्थितियों में स्थानीय पुलिस ने बरामद किया था। पुलिस ने शव को कब्जे में लेकर पोस्टमार्टम के लिए भेजा था। पोस्टमार्टम रिपोर्ट में गला दबाकर हत्या की पुष्टि होने पर पुलिस जांच पड़ताल में जुट गई। दाह संस्कार के 4 दिन बाद मृतक की पत्नी सुनीता उपाध्याय ने अज्ञात के विरुद्ध स्थानीय कोतवाली में तहरीर देकर मुकदमा पंजीकृत करवाया। पीड़िता द्वारा दी गई तहरीर व पोस्टमार्टम रिपोर्ट को संज्ञान में लेकर पुलिस ने अपनी विवेचना प्रारंभ की। घटना के 11 दिन बाद पुलिस ने अपनी विवेचना में मृतक के भतीजे विनय कुमार उर्फ छोटू पुत्र रामबरन के खिलाफ हत्या का आरोप सिद्ध कर धारा 302 के तहत मुकदमा पंजीकृत करने के उपरांत उपरोक्त आरोपी युवक को माननीय न्यायालय रवाना किया। पुलिस के इस कार्यवाही की जहां कुछ लोगों द्वारा सराहना की जा रही है वहीं दूसरी तरफ पीड़ित पक्ष के परिजनों सहित क्षेत्र में इस बात की चर्चा भी जोरों से की जा रही है कि पुलिस नें धनबल के दबाव में आकर निर्दोष युवक को बलि का बकरा बना दिया। जन चर्चा पर अगर गौर करें तो युवक को निर्दोष बताया जा रहा है वही पुलिस के इन्वेस्टिगेशन में युवक अपने चाचा का हत्यारोपी सिद्ध हुआ है और धारा 302 के तहत मुकदमा पंजीकृत कर माननीय न्यायालय भेजा जा चुका है। जन चर्चा और पुलिस के इन्वेस्टीगेशन में कितनी सत्यता है इसकी हकीकत जानने के लिए पूरे मामले की जांच जिले के उच्च अधिकारियों से कराई जानी चाहिए। अब देखना यह है कि जिले के उच्च अधिकारी इस सनसनीखेज हत्याकांड को कितनी गंभीरता से लेते हैं और  लोगों के बीच व्याप्त संदेह को दूर करने के लिए कोई सार्थक प्रयास करते हैं या नहीं। ये तो आने वाला समय ही बताएगा।

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