बेटीयां किसी से कम नहीं है
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WWC वर्ल्ड वीमेन फार चेंज के तत्वाधान में बेटी दिवस के अवसर पर विषय " जीवन की घटना ने बदली जिन्दगी " पर भारत के अलग अलग राज्यो से विभिंन्न महिलाओ ने अपनी कहानी साझा की ।सभी ने अपने जीवन की उन विशेष घटनाओ का जिक्र किया जिससे उनका जीवन बदल गया ।कार्यक्रम का प्रारंभ सरस्वती माँ को पुष्पाँजली अर्पित करके हुआ। अलका जैन (इन्दौर )ने दवा के गलत प्रभाव से कैसे जीवन को बचाया बताया। रांची से पुष्पा सहाय ने कैसे पति को मौत के मुंह से वापस लाई।
मीनाक्षी त्रिवेदी वडोदरा ने कैसे मानसरोवर मे मित्र की जान बचाई । साधना मिश्र लखनऊ ने जब भूखे लोगो की मदद की तो जन्मदिन को उनही के साथ मनाना शुरु कर दिया।
अरुणा सिंह ने पति के ना रहने पर कैसे जीवन को बढाया ।
मीना जैन भोपाल ने कोरोना काल मे लोगो की जो मदद की उसे आगे भी करते रहने का मन बना लिया। स्नेहा सिंह महाराष्ट्र ने बताया की समाज से लड़ते हुए कैसे फिल्ममेकर बनी ।
गीतांजली वाष्र्णेय बरेली ने कहा की कैसे मिडडे मिल के लिये ग्रामप्रधान से लडी और जेल भिजवाया।ज्योती किरन रतन ने बताया बेटी होने के करन ससुराल से निकाला गया 2वर्ष की बेटियो के साथ बडी दुर्घटना से निकल कर आगे बढी।श्यामा देवी कैसे कैन्सर से छुटकारा पायी बताया ।क्रांती श्रीवास्तव बोकारो,मुनमुन ढाली रांची झारखंड । आदि ने अपनी कहानी साझा की ।कार्यक्रम सन्योजक करूणा महाराष्ट्र ने बताया की सभी महिलाओ के जीवन की घटनाये एक संदेश देती है की।कोई भी परेशानी आये हारना नही है। सभी महिलायें बधाई की पात्र है।सलाम है उनके जज्बे को
जिससे मजबूती से जूझते हुए हिम्मत से सामना किया और एक साहसी महिला के रूप में समाज के सामने आयी... बेटीयां किसी से कम नहीं है
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