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अंतरराष्ट्रीय हिंदू परिषद के कार्यकर्ताओं ने एक दूसरे का मुंह मीठा करा कर व्यक्त की प्रसन्नता

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रिपोर्ट सुशील कुमार द्विवेदी इटियाथोक गोंडा

अयोध्या में 28 साल पहले विवादित ढांचा ढहाए जाने के अपराधिक मामले में सीबीआई की विशेष अदालत नें आज 30 सितंबर को अपना फैसला सुनाते हुए देश के पूर्व प्रधानमंत्री लालकृष्ण अडवाणी, उत्तर प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री कल्याण सिंह व उमा भारती समेत 32 नेताओं को साक्ष्य के अभाव में बरी कर दिया। बुधवार को आए इस बहुप्रतीक्षित फैसले की  खुशी में  अंतरराष्ट्रीय हिंदू परिषद के इटियाथोक ब्लॉक इकाई कार्यालय पर एकत्रित हुए संगठन के पदाधिकारियों व कार्यकर्ताओं द्वारा  51 दीपों को प्रज्वलित कर उपस्थित कार्यकर्ताओं का मुंह मीठा कराते हुए आसपास के लोगों में मिष्ठान का वितरण कर खुशी का इजहार किया गया इस अवसर पर अंतरराष्ट्रीय हिंदू परिषद के जिला मीडिया प्रभारी लक्ष्मीकांत कसौधन नें अपने संबोधन में कहा कि सीबीआई की विशेष अदालत द्वारा दिया गया फैसला स्वागत योग्य है। सत्यमेव जयते के अनुरूप सत्य की जीत हुई है फैसले से यह स्पष्ट होता है कि तत्कालीन कांग्रेस सरकार द्वारा राजनीतिक व पूर्वाग्रह से ग्रसित होकर वोट बैंक की राजनीति के लिए देश के पूज्य संतों, भारतीय जनता पार्टी के नेताओं, विश्व हिंदू परिषद व राष्ट्रीय हिंदू परिषद से जुड़े वरिष्ठ पदाधिकारियों एवं समाज से जुड़े विभिन्न संगठनों के पदाधिकारियों को बदनाम करने की नियत से उन्हें झूठे मुकदमों में फंसा कर बदनाम करने का कुत्सित प्रयास किया गया। उन्होंने यह भी कहा कि इस षड्यंत्र  के लिए जिम्मेदार लोगों को देश की जनता से माफी मांगी चाहिए। खुशी के इस मौके पर जिला उपाध्यक्ष शिव कुमार चौधरी, जिला महामंत्री फूलचंद कसौधान, आकाश श्रीवास्तव सहित दर्जनों पदाधिकारी व कार्यकर्ता मौजूद रहे।

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