3 वर्षों में नए मंदिर में मिलेंने लगेगा रामलला का दर्शन महंत नृत्य गोपाल दास
श्रीराम जन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र ट्रस्ट के अध्यक्ष महंत नृत्य गोपाल दास महाराज ने आज यहां कहा कि श्रीराम जन्मभूमि पर मंदिर निर्माण से पूर्व अधिग्रहित परिसर को श्रद्धालुओं के लिए स्वच्छ और सुरम्य बनाया जायेगा। इसकी प्रक्रिया प्रारंभ हो गई है। दो से तीन वर्षों में भक्तों को मंदिर में दर्शन होने लगेगा। अभी छह माह लगेंगे परिसर को मंदिर निर्माण के अनुकूल बनाने में। शेष बचे पत्थरों की नक्काशी भी शीघ्र प्रारंभ होगी। ट्रस्ट की अगली बैठक तक इस पर निर्णय होगा।
श्री दास दिल्ली में ट्रस्ट गठन के पंद्रह दिनों पश्चात अयोध्या लौटे हैं। इस दौरान उन्होने कहा कि समाज का कल्याण वही कर सकता है जिसका व्यक्तित्व जन-जन से जुड़ा हो।
सब नर करही परस्पर प्रीति
चलही स्वधर्म निरत श्रुति नीति।।
श्री राम का अवतरण मात्र दशरथ व कौशल्या को सुख प्रदान करने के लिए नहीं अपितु समस्त मानव के कल्याण के लिए हुआ था। समस्त मानव को परस्पर प्रेम और सद्भाव का संदेश देने वाले श्रीराम हैं।
श्री राम जन-जन के ह्रदय रूपी सिंहासन पर विराजमान हैं। श्रीराम सनातन धर्म के प्रतीक स्वरूप हैं। श्रीराम लला का भव्य मंदिर निर्माण हिन्दुओ के महासंकल्प की पूर्णता का द्योतक है। श्रीराम जन्मभूमि का सम्पूर्ण परिसर भक्तो के लिए मंगलकारी है।
उन्होंने कहा कि पूर्व में श्रीराम जन्मभूमि न्यास ने जिस मंदिर माडल को तैयार कराया जिसे देश के संतों ने वेद मंत्रोंचारण कर अनुमोदित किया, जिसका चित्र करोड़ों घरों मे पूजित हो रहा हो, अब वह दो-तीन वर्षों में साक्षात स्वरूप ग्रहण करने जा रहा है।
उन्होंने कहा कि श्री राम जन्मभूमि अधिगृहित परिसर को श्रद्धालुओं के अनुकूल स्वच्छ और सुरम्य बनाने की प्रक्रिया ट्रस्ट ने प्रारंभ कर दी है।
एक प्रश्न के उत्तर में उन्होंने कहा कि मंदिर निर्माण से पूर्व श्रीराम लला को अस्थाई तौर पर परिसर मे ही वैदिक विद्वानों की देखरेख में शिफ्ट किया जायेगा। ताकि भक्तों को भगवान का दर्शन लगातार होता रहे।
एक अन्य प्रश्न के उत्तर में उन्होंने कहा कि देश के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को मैंने अयोध्या आने हेतु निवेदन किया है। यही नहीं पूर्व मुख्यमंत्री श्री कल्याण सिंह जी को भी संदेश भेजा है।
उन्होंने कहा कि श्रीराम जन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र ट्रस्ट की बैठक शीघ्र होगी। अभी कार्य को गतिशील किया जा रहा है। एक अन्य प्रश्न के उत्तर में उन्होंने कहा कि अयोध्या को भी काशी की भांति विकसित करना चाहिए। यह विश्व की धार्मिक सांस्कृतिक राजधानी है। इसका स्वरूप भी विश्व के लोगों को आकर्षित करने वाला होना चाहिए ।
श्री दास दिल्ली में ट्रस्ट गठन के पंद्रह दिनों पश्चात अयोध्या लौटे हैं। इस दौरान उन्होने कहा कि समाज का कल्याण वही कर सकता है जिसका व्यक्तित्व जन-जन से जुड़ा हो।
सब नर करही परस्पर प्रीति
चलही स्वधर्म निरत श्रुति नीति।।
श्री राम का अवतरण मात्र दशरथ व कौशल्या को सुख प्रदान करने के लिए नहीं अपितु समस्त मानव के कल्याण के लिए हुआ था। समस्त मानव को परस्पर प्रेम और सद्भाव का संदेश देने वाले श्रीराम हैं।
श्री राम जन-जन के ह्रदय रूपी सिंहासन पर विराजमान हैं। श्रीराम सनातन धर्म के प्रतीक स्वरूप हैं। श्रीराम लला का भव्य मंदिर निर्माण हिन्दुओ के महासंकल्प की पूर्णता का द्योतक है। श्रीराम जन्मभूमि का सम्पूर्ण परिसर भक्तो के लिए मंगलकारी है।
उन्होंने कहा कि पूर्व में श्रीराम जन्मभूमि न्यास ने जिस मंदिर माडल को तैयार कराया जिसे देश के संतों ने वेद मंत्रोंचारण कर अनुमोदित किया, जिसका चित्र करोड़ों घरों मे पूजित हो रहा हो, अब वह दो-तीन वर्षों में साक्षात स्वरूप ग्रहण करने जा रहा है।
उन्होंने कहा कि श्री राम जन्मभूमि अधिगृहित परिसर को श्रद्धालुओं के अनुकूल स्वच्छ और सुरम्य बनाने की प्रक्रिया ट्रस्ट ने प्रारंभ कर दी है।
एक प्रश्न के उत्तर में उन्होंने कहा कि मंदिर निर्माण से पूर्व श्रीराम लला को अस्थाई तौर पर परिसर मे ही वैदिक विद्वानों की देखरेख में शिफ्ट किया जायेगा। ताकि भक्तों को भगवान का दर्शन लगातार होता रहे।
एक अन्य प्रश्न के उत्तर में उन्होंने कहा कि देश के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को मैंने अयोध्या आने हेतु निवेदन किया है। यही नहीं पूर्व मुख्यमंत्री श्री कल्याण सिंह जी को भी संदेश भेजा है।
उन्होंने कहा कि श्रीराम जन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र ट्रस्ट की बैठक शीघ्र होगी। अभी कार्य को गतिशील किया जा रहा है। एक अन्य प्रश्न के उत्तर में उन्होंने कहा कि अयोध्या को भी काशी की भांति विकसित करना चाहिए। यह विश्व की धार्मिक सांस्कृतिक राजधानी है। इसका स्वरूप भी विश्व के लोगों को आकर्षित करने वाला होना चाहिए ।
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