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माँ के सप्तम स्वरूप के पूजन में लगी भक्तों की भीड़

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*पलिया कलां (खीरी)* -  नवरात्रि के पावन दिन, जिसमें  माता आदिशक्ति के द्वारा धारण रूपों का स्मरण व पूजन किया जाता है, स्वतः अद्वितीय है। वेद-पुराणों में इन दिनों भक्ति- भावना व श्रद्धा से  व्यक्ति द्वारा किये गये पूजन को अत्यंत फलदायी माना गया है । माता के प्रति श्रद्धाभावना, अपनी संस्कृति व धार्मिक पथ पर विगत 27 वर्षों से पलिया जिला-खीरी के मोहल्ला कृष्णा नगर में श्रीशक्तिशिव मंदिर पर सभी क्षेत्रवासियों के सहयोग से माता की प्रतिमा स्थापित कर माँ आदिशक्ति के नवरुपों की उपासना की जाती है। इस सांस्कृतिक कार्यक्रम के संयोजक, सहायक व अन्य भक्तो का कहना है कि इस दरबार मे दुखियों के दुःख को माँ हर लेती है तथा उन्हें सुख, समृद्धि का आशीष प्रदान करती है।
माता के नवरुपों में सप्तम रूप माँ कालरात्रि का खुद में अद्भुत महत्व है। माता का श्रृंगार कर उनकी पूजा व अर्चना की जाती है तथा भक्तों का कहना है कि अन्य दिनों के अपेक्षा आज के दिन भक्तों की भीड़ ज़्यादा होती है। पूर्वांचल की सभ्यता को मानने वाले लोग इस दिवस को ज़्यादा महत्व देते हैं तथा माता की आराधना,वंदन- पूजन करते है।

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