बीकापुर ब्लॉक क्षेत्र के गांवो में अधूरे पड़े शौचालय,स्वच्छता अभियान को दे रहे झटका
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फर्जी फोटो खिचवाई गई और कंप्लीट दिखाते हुए वेबसाइट पर की गई अपलोड
#बीकापुर_अयोध्या
============= बीकापुर ब्लॉक के कई गांवों में शौचालय निर्माण के नाम पर अधिकारियों और प्रधान एवं पंचायत सचिवो ने पैसों का आहरण तो कर लिया, लेकिन शौचालय आधे-अधूरे ही रह गए. इसके साथ ही गुणवत्ताहीन सामग्री से तैयार शौचालय उपयोगहीन हैं तो ग्रामीणों को मजबूरन खुलें में शौच के लिए जाना पड़ रहा है।
वहीं जनपद के अधिकारी अब शौचालयों की हकिकत मीडिया से जानने के बाद कार्रवाई की बात करते नजर आए।
यही नहीं ब्लॉक के कई ग्राम सभाओं में शौचालय ऐसे भी देखे गए जिनमें सिर्फ आगे की दीवार पर प्लास्टर कराकर उसकी फोटो खिचवाई गई और फिर दिखाते हुए वेबसाइट पर अपलोड भी कर दिया गया।
स्वच्छ भारत मिशन के तहत शौचालयों के निर्माण में जमकर फर्जीवाड़ा हुआ है। धरातल पर काम न कराकर सिर्फ कागजों का पेट भरा गया है।
ब्लाक क्षेत्र बीकापुर में सम्पूर्ण स्वच्छता अभियान के तहत बने अधिकांश शौचालयों के आधा-अधूरा निर्माण से अभियान की पोल खुलती नजर आ रही है। अधूरे निर्माण व प्रयोग के अभाव में कूड़ादान बन गये हैं। कहीं पर उसमें बकरी बांधी जा रही है तो कहीं उसमें उपला व गैर इस्तेमाल की चीजें रखी जा रही है।
फर्जी फोटो खिचवाई गई और कंप्लीट दिखाते हुए वेबसाइट पर की गई अपलोड
#बीकापुर_अयोध्या
============= बीकापुर ब्लॉक के कई गांवों में शौचालय निर्माण के नाम पर अधिकारियों और प्रधान एवं पंचायत सचिवो ने पैसों का आहरण तो कर लिया, लेकिन शौचालय आधे-अधूरे ही रह गए. इसके साथ ही गुणवत्ताहीन सामग्री से तैयार शौचालय उपयोगहीन हैं तो ग्रामीणों को मजबूरन खुलें में शौच के लिए जाना पड़ रहा है।
वहीं जनपद के अधिकारी अब शौचालयों की हकिकत मीडिया से जानने के बाद कार्रवाई की बात करते नजर आए।
यही नहीं ब्लॉक के कई ग्राम सभाओं में शौचालय ऐसे भी देखे गए जिनमें सिर्फ आगे की दीवार पर प्लास्टर कराकर उसकी फोटो खिचवाई गई और फिर दिखाते हुए वेबसाइट पर अपलोड भी कर दिया गया।
स्वच्छ भारत मिशन के तहत शौचालयों के निर्माण में जमकर फर्जीवाड़ा हुआ है। धरातल पर काम न कराकर सिर्फ कागजों का पेट भरा गया है।
ब्लाक क्षेत्र बीकापुर में सम्पूर्ण स्वच्छता अभियान के तहत बने अधिकांश शौचालयों के आधा-अधूरा निर्माण से अभियान की पोल खुलती नजर आ रही है। अधूरे निर्माण व प्रयोग के अभाव में कूड़ादान बन गये हैं। कहीं पर उसमें बकरी बांधी जा रही है तो कहीं उसमें उपला व गैर इस्तेमाल की चीजें रखी जा रही है।
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