नीलांश वाटर पार्क पर जनहित याचिका दाखिल, जांच हुई तो फसेंगे कई पूर्व राजस्व अधिकारी।
HTN Live
लखनऊ । उत्तर प्रदेश की राजधानी लखनऊ में स्थित नीलांश बिल्डर्स प्रा .लिमिटेड पर सरकारी जमीन पर कब्जा सहित कई अन्य अनियमितताओं को लेकर उच्च न्यायालय में जनहित याचिका दायर की गई है।याची कौशल किशोर ने बताया कि लखनऊ के बीकेटी और मलिहाबाद तहसील की गोमती नदी किनारे स्थित जमीन पर नीलांश बिल्डर ने साल 2012 से प्रोजेक्ट निर्माण शुरू किया जो कि अब तक अनवरत जारी है।साल 2012 से पहले इस जमीन पर खेती हो रही थी।नीलांश बिल्डर ने जितनी जमीन यहा पर खरीदी है उसमे हरिजन की भी जमीने थीं, जिन्हें जुगाड़ से बिल्डर द्वारा नियमो को दरकिनार करते हुए खरीदा गया व जितनी जमीन बिल्डर ने खरीदी, उससे कही ज्यादा जमीन पर कब्जा करके निर्माण करा दिया है और सरकारी मद की जमीने कब्जा करके चारदीवारी खड़ी कर दी है।
शिकायतों पर नही हुई कार्यवाही...एनजीटी के नियमो का भी उल्लघंनयाची ने बताया कि ऐसा नही है कि इसकी शिकायत प्रशाशन तक नही पहुची। क्षेत्रीय किसानो के विरोध के साथ किसान यूनियन के गुट, सामाजिक कार्यकर्ता ने भी इसकी कई बार शिकायत की । शुरुआती दौर में प्रतिष्टित समाचार पत्रों में भी खबरे छपी । यही नही बिल्डर द्वारा पर्यावरण को भी नुकसान पहुँचाया गया जिसके चलते ग्राम अकड़रिया कलां स्थित साल 1965 में स्थापित सरकारी नहर जिससे ग्राम पंचायत दुघरा और ग्राम पंचायत अकड़रिया कलां के 4 मजरों की सिचाई होती थी।वो भी बंद होने की कगार पर है ,नहर से पानी न मिलने के कारण किसान खेत मे बोरिंग कराने पर मजबूर है बोरिंगों की संख्या बढने से तराई क्षेत्र में जलस्तर तेजी से घटा है पुरानी बोरिंगे बेकार हो रही है।दूसरी तरफ नीलांश द्वारा भूगर्भ जल का दोहन कर निजी फायदे के लिए वाटर पार्क चलाया जा रहा है और गोमती का भी व्यवसायिक उपयोग किया जा रहा है । रसूख और राजस्व अधिकारियो की मिलीभगत व सिचाई विभाग के अधिकारियों की उदासीनता के चलते इन पर एक बार भी कार्यवाही नही की गईं।वीआईपी और राजनेताओं की तस्वीर लगाकर होती है मार्केटिंग..अधिकारी से लेकर प्रदेश और देश के बड़े नेता नीलांश वाटर पार्क में होने वाले आयोजनों में भाग लेते रहे हैं।जिसके कारण जिले के आला अधिकारी भी दबाव के चलते कार्यवाही करने से कतराते है वही नीलांश वाटर पार्क की व्यवसायिक वेबसाइट पर बिल्डर द्वारा निवेशकों को आकर्षित कर मकान और फार्म हाउस खरीदने के लिये आकर्षित किया जा रहा है। व्यवसायिक वेबसाइट पर बड़े और अच्छी छवि के नेताओ के साथ तस्वीरे देख कर निवेशक भी इन पर जल्द भरोषा कर लेते है।याची के अधिवक्ता ललित तिवारी ने बताया कि नीलांश बिल्डर पर जनहित याचिका का गंभीरता से संज्ञान लेते हुए हाइकोर्ट ने सरकार से जवाब तलब किया है।
No comments