वह बन्दे खुश नसीब हैं जिनको हज की तौफीक मिली है: मौलाना खालिद रशीद
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700 हाजियों को नि:शुल्क चिकित्सा प्रमाण पत्र दिये गए
लखनऊ, 31 जनवरी।
वह खुश नसीब हैं जिनको हज की तौफीक़ मिली है। हज इस्लाम की पॉच बुनियादों में से एक बुनियाद है। यानी तौहीद, नमाज़, रोजा, जकात के बाद पॉचवॉ बुनियादी रुक्न हज है। इस्लामी शरीअत में हज इस बन्दे पर फर्ज होता है जो वहॉ तक पहुंचने की हैसियत रखता हो। हज का बदला जन्नत है।
इन ख्यालात का इज्हार इमाम ईदगाह लखनऊ मौलाना खालिद रशीद फरंगी महली नाजिम दारूल उलूम फरंगी महल ने किया। वह आज न्यू सिटी हास्पिटल एण्ड ट्रामा सेन्टर और मरहूम मतीन कुरैशी वेल्फेयर ट्रस्ट के अन्र्तगत रायल पैलेस बिल्लौचपुरा लखनऊ में हाजियों को नि: शुल्क चिकित्सा प्रमाण पत्र समारोह से सम्बोधन कर रहे थे। इस अवसर पर 700 हाजियों को प्रमाण पत्र दिये गए। इस समारोह का आयोजन न्यू सिटी हास्पिटल एण्ड ट्रामा सेन्टर और मरहूम मतीन कुरैशी वेल्फेयर ट्रस्ट ने किया था।
मौलाना फरंगी महलीर ने हाजियों को मुबारक बाद देते हुए कहा कि आप हजरात एैसी मुबारक व मुकद्दस जमीन जा रहे हैं। जहॉ कदम कदम पर सवाब मिलता है। काबा शरीफ में प्रतिदिन 120 रहमतें नाजिल होती हैं। इसी तरह हरम पाक में एक नमाज पढऩे का सवाब एक लाख नमाजों के बराबर मिलता है। जो मस्जिद नबवी सल्ल0 में एक नमाज पढ़ेगा उसको पचास हजार नमाजों के बराबर सवाब मिलेगा।
मौलाना खालिद रशीद ने इस समारोह का आयोजन करने वालों की प्रशंसा की कि उन्होने हाजियों की सेवा इस रूप में की।
समारोह को मौलाना अनवारूल हक़ कासमी ने भी खिताब किया। समारोह की अध्यक्षता मौलाना मिनहाजुद्दीन नदवी ने की। संचालन शफईन कुरैशी ने और मेहमानों का शुक्रिया समीर कुरैशी ने अदा किया। समारोह का आरम्भ यसा मिनहाज की तिलावत कलाम पाक से हुआ।
इस अवसर पर सलाहुद्दीन फारूकी, हाजी अनवर कुरैशी, हाजी अतीक कुरैशी, मुहम्मद शाहिद कुरैशी, मुहम्मद बिलाल कुरैशी, कुतबुद्दीन कुरैशी, हसन कदीर और अनवर कुरैशी विशेष तौर पर मौजूद थे।
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