रज्जू भैया ने समरसता पूर्ण आदर्श समाज का सपना संजोया था
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प्रयागराज। राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के सरकार्यवाह मा, श्री सुरेश जोशी उपाख्य भैया जी जोशी ने कहा है किपूर्व सरसंघचालक रज्जू भैया ने समरसता पूर्ण आदर्श समाज का सपना संजोया था ।वे महान वैज्ञानिक होने के साथ ही संगठन के कुशल शिल्पी थे।देश की सज्जन शक्ति को जागृत एवं संगठित करना ही उनका मुख्य ध्येय था। देश के लिए सर्वस्व न्योछावर कर उन्हो ने एक ऐसी मिशाल पेश की हैजिसकी कोई सानी नही।
वह मंगलवार को संघ के पूर्व सरसंघचालक प्रो राजेन्द्र सिंह उपाख्य रज्जूभैया के जन्मदिवस पर आयोजित स्मरणाञ्जलि कार्यक्रम मे मु ख्य वक्ता के रूप मे बोल रहे थे। प्रयाग महानगर के बुद्धिजीवियो से खचाखच भरे स्थानीय मेडिकल कॉलेज के प्रीतम दास प्रेक्षागृह मे प्रो रज्जूभैया के व्यक्तित्व का भावपूर्ण स्मरण करते हुये उन्होंने आगे कहा कि उनके विराट व्यक्तित्व को शब्दो मे नही बाधा जा सकता।
रज्जू भैया ने समरसता पूर्ण आदर्श एवं स्वावलंबी समाज का सपना संजोया था ।ग्राम विकास की संकल्पना उन्हीं की है जिस को साकार करने की दिशा में संघ निरंतर प्रयत्न शील है। भौतिक वैज्ञानिक होने के साथ ही वे समाज वैज्ञानिक भी थे। सज्जन शक्ति को जागृत एवं संगठित कर वे एक सशक्त एवं वैभवशाली राष्ट्र का निर्माण करना चाहते थे। उनका मानना था कि देश के लिए समर्पित युवा पीढ़ी का निर्णय करना किसी वैज्ञानिक प्रोजेक्ट को पूरा करने से कम महत्वपूर्ण नही है। इसी लिए होमी जहागीर भाभा के बुलावे पर उनके अनुसंधान मे शामिल होने का प्रस्ताव ठुकरा कर उनहोने समर्पित निःस्वार्थ युवापीढी के निर्माण का विकल्प चुना।
ससरकार्यवाह भैया जी जोशी ने आगे कहा कि उनके जीवन मे आदर्श कूट कूट कर भरा था ।नागपुर के पुस्तक मेले मे सरसंघचालक रहते हुये उन्हे उनकी पसन्दीदा पुस्तके दुकानदार द्वारा भेट किये जाने पर बगैर पैसा दिये पुस्तक लेने से उन्हो ने मना कर दिया था।उनके समीप आने वाला कार्य कर्ता बगैर उनसे प्रभावित हुये नही रहता था। वे सच्चे अर्थो मे योगी थे सादगी के तो प्रतिमूर्ति थे। सिद्धांतो से कभी समझौता नही करते थे।। वैचारिक भिन्नता होते हुए भी अन्य दलो के लोगो से भी उनके आत्मीयता पूर्ण सम्बन्ध थै। स्वयंसेवको का उन्होंने आह्वान किया कि वे रज्जूभैया के मार्ग का अनुसरण करते हुये वैभवशाली राष्ट्र की संरचना मे जुट जांय।।
इसके पूर्व प्रदेश के पूर्व कैबिनेट मंत्री प्रो नरेंद्र कुमार सिंह गौर एवू प्रो बालकृष्ण अग्रवाल ने विश्व विद्यालय मे रज्जूभैया के साथ जुडे अनेक सं मरण सुनाये तथा उन्हे श्रेष्ठ शिक्षा विद की संज्ञा दी । संचालन एवं अतिथि परिचय विभाग कार्य वाह गंगा दत्त जोशी ने किया।
मंच पर काशी प्रांत के संघचालक विश्वनाथ लाल निगम विभाग संघ चालक प्रो राणाकृष्णपाल उपस्थित थे।इसके अतिरिक्त अ. भा. बौद्धिक प्रमुख स्वान्त रंजन जी भी उपस्थित थे।
प्रयागराज। राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के सरकार्यवाह मा, श्री सुरेश जोशी उपाख्य भैया जी जोशी ने कहा है किपूर्व सरसंघचालक रज्जू भैया ने समरसता पूर्ण आदर्श समाज का सपना संजोया था ।वे महान वैज्ञानिक होने के साथ ही संगठन के कुशल शिल्पी थे।देश की सज्जन शक्ति को जागृत एवं संगठित करना ही उनका मुख्य ध्येय था। देश के लिए सर्वस्व न्योछावर कर उन्हो ने एक ऐसी मिशाल पेश की हैजिसकी कोई सानी नही।
वह मंगलवार को संघ के पूर्व सरसंघचालक प्रो राजेन्द्र सिंह उपाख्य रज्जूभैया के जन्मदिवस पर आयोजित स्मरणाञ्जलि कार्यक्रम मे मु ख्य वक्ता के रूप मे बोल रहे थे। प्रयाग महानगर के बुद्धिजीवियो से खचाखच भरे स्थानीय मेडिकल कॉलेज के प्रीतम दास प्रेक्षागृह मे प्रो रज्जूभैया के व्यक्तित्व का भावपूर्ण स्मरण करते हुये उन्होंने आगे कहा कि उनके विराट व्यक्तित्व को शब्दो मे नही बाधा जा सकता।
रज्जू भैया ने समरसता पूर्ण आदर्श एवं स्वावलंबी समाज का सपना संजोया था ।ग्राम विकास की संकल्पना उन्हीं की है जिस को साकार करने की दिशा में संघ निरंतर प्रयत्न शील है। भौतिक वैज्ञानिक होने के साथ ही वे समाज वैज्ञानिक भी थे। सज्जन शक्ति को जागृत एवं संगठित कर वे एक सशक्त एवं वैभवशाली राष्ट्र का निर्माण करना चाहते थे। उनका मानना था कि देश के लिए समर्पित युवा पीढ़ी का निर्णय करना किसी वैज्ञानिक प्रोजेक्ट को पूरा करने से कम महत्वपूर्ण नही है। इसी लिए होमी जहागीर भाभा के बुलावे पर उनके अनुसंधान मे शामिल होने का प्रस्ताव ठुकरा कर उनहोने समर्पित निःस्वार्थ युवापीढी के निर्माण का विकल्प चुना।
ससरकार्यवाह भैया जी जोशी ने आगे कहा कि उनके जीवन मे आदर्श कूट कूट कर भरा था ।नागपुर के पुस्तक मेले मे सरसंघचालक रहते हुये उन्हे उनकी पसन्दीदा पुस्तके दुकानदार द्वारा भेट किये जाने पर बगैर पैसा दिये पुस्तक लेने से उन्हो ने मना कर दिया था।उनके समीप आने वाला कार्य कर्ता बगैर उनसे प्रभावित हुये नही रहता था। वे सच्चे अर्थो मे योगी थे सादगी के तो प्रतिमूर्ति थे। सिद्धांतो से कभी समझौता नही करते थे।। वैचारिक भिन्नता होते हुए भी अन्य दलो के लोगो से भी उनके आत्मीयता पूर्ण सम्बन्ध थै। स्वयंसेवको का उन्होंने आह्वान किया कि वे रज्जूभैया के मार्ग का अनुसरण करते हुये वैभवशाली राष्ट्र की संरचना मे जुट जांय।।
इसके पूर्व प्रदेश के पूर्व कैबिनेट मंत्री प्रो नरेंद्र कुमार सिंह गौर एवू प्रो बालकृष्ण अग्रवाल ने विश्व विद्यालय मे रज्जूभैया के साथ जुडे अनेक सं मरण सुनाये तथा उन्हे श्रेष्ठ शिक्षा विद की संज्ञा दी । संचालन एवं अतिथि परिचय विभाग कार्य वाह गंगा दत्त जोशी ने किया।
मंच पर काशी प्रांत के संघचालक विश्वनाथ लाल निगम विभाग संघ चालक प्रो राणाकृष्णपाल उपस्थित थे।इसके अतिरिक्त अ. भा. बौद्धिक प्रमुख स्वान्त रंजन जी भी उपस्थित थे।
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